Iran Supreme Leader: इजरायल ने ईरान के इस्फहान शहर को अपनी मिसाइलों से निशाना बनाया है. इजराइल पर ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के कुछ दिन बाद यहूदी राष्ट्र ने यह कार्रवाई की है. इजरायल ने हमले के लिए 19 का दिन चुना जो कि ईरान के सुप्रीम लीडर सैय्यद अली होसैनी खामेनेई का जन्म दिन होता है. सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हुए हमले के बाद खामेनेई ने ही इजरायल को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. आखिर कौन हैं खामेनेई जिसके नेतृत्व में ईरान ने इजरायल को गंभीर चुनौती दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अयातुल्ला अली खामेनेई 1989 से देश के सबसे बड़े और ताकतवर नेता बने हुए हैं।.


मशहद में हुआ जन्म
खामेनेई का जन्म 19 अप्रैल 1939 मशहद में हुआ था. हालांकि सर्टिफिकेट पर उनकी डेट ऑफ बर्थ 16 जुलाई 1939 दर्ज है. वह इस्लामिक विद्वान सैय्यद जवाद खामेनेई की दूसरी संतान थे, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को सादगी से जीवन जीना सिखाया.


खामेनई की शिक्षा
खामेनेई ने प्राइमरी स्कूल के बाद मशहद के एक धार्मिक मदरसे में अपनी शिक्षा जारी रखी. उन्होंने तर्क, दर्शन और इस्लामी कानून सहित 'मध्यवर्ती स्तर' पाठ्यक्रम में शामिल हर विषय का अध्ययन किया.


खामेनेई ने कोम में आगे की धार्मिक पढ़ाई शुरू की. उस दौर के कई अन्य राजनीतिक रूप से सक्रिय मौलवियों की तरह, खामेनेई धार्मिक शिक्षा की तुलना में राजनीति में कहीं अधिक दिलचस्पी लेते थे.


ईरानी क्रांति में भूमिका
खामेनेई ईरानी क्रांति के प्रमुख नामों में शामिल हैं. वह अयातुल्ला खुमैनी के करीबी विश्वासपात्र थे. इस्लामिक गणराज्य की स्थापना के बाद से, खामेनेई ने कई सरकारी पदों पर काम किया.


खुमैनी ने 1980 में हुसैन-अली मोंटेजेरी के पद से इस्तीफा देने के बाद, खमेनेई को तेहरान के शुक्रवार की नमाज के इमाम के पद पर नियुक्त किया। वह 1979 में कुछ समय के लिए राष्ट्रीय रक्षा उप मंत्री रहे और उन्होंने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पर्यवेक्षक के रूप में भी काम किया. वह संसद के रक्षा आयोग के प्रतिनिधि के रूप में युद्ध के मैदान में भी गए.


हत्या का प्रयास
खामेनेई जून 1981 में एक हत्या के प्रयास से बाल-बाल बच गए. एक टेप रिकॉर्डर में बम छुपाया गया था जो उनके बगल में फट गया.


ईरान के राष्ट्रपति
अली खामेनेई ने 1981 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और कामयाब रहे. उन्होंने 1981 से 1989 तक ईरान के राष्ट्रपति के रूप में काम किया. यह वह दौर था जब ईरान पड़ोसी इराक के साथ जंग में उलझा हुआ था.


ईरान के सुप्रीम लीडर
खुमैनी की मृत्यु के बाद खमेनेई आधिकारिक तौर पर उनके उत्तराधिकारी बने और 4 जून 1989 को विशेषज्ञों की सभा द्वारा उन्हें नए सुप्रीम लीडर के रूप में चुना गया.


सुप्रीम लीडर के रूप में में, खामेनेई न्यायपालिका, सशस्त्र बलों के साथ-साथ एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड और स्टेट कंट्रोल्ड मीडिया पर संवैधानिक अधिकार रखते हैं.