Israel targeting military infrastructure: ईरान हमले के बाद ऐसा लग रहा था कि जवाब में इजरायल बहुत बड़ा हमला करेगा, जिससे ईरान की हिम्मत कमजोर हो जाएगी लेकिन जब ईरान में इजरायल के लडाकू पहुंच गए थे तो परमाणु सेंटर या तेल भंडार पर हमला क्यों नहीं किया? तो इसका एक ही जवाब है कि वैसे तो शुरुआत में माना जा रहा था कि ईरान के एक अक्टूबर के हमले के जवाब में इजराइल उसके परमाणु केंद्रों और तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है, लेकिन अक्टूबर के मध्य में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बताया कि उसे इजराइल ने आश्वासन दिया है कि वह ऐसे केंद्रों पर हमला नहीं करेगा.


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अमेरिका ने पहले ही कर दिया था मना
इजरायल ने अक्टूबर के मध्य में बाइडेन प्रशासन को आश्वासन दिया था कि वह ईरान के परमाणु या तेल संयंत्रों पर हमला नहीं करेगा. अमेरिका को इस महीने की शुरुआत में ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले के बाद आशंका थी कि इजराइल जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए अमेरिका ने पहले से ही इजरायल को अगाह कर दिया था, वरना जंग का रूप और गंभीर हो जाता. ईरान और उसके आस-पास के देश भी इसका नुकसान झेलते.


इजरायल के हमले का क्या था मकसद?
इजरायल ने इस तरह हमला करके ईरान को बता दिया है कि अगर हम आपके इलाके मेे घुस सकते हैं तो कभी भी, कहीं भी दोबारा हमला कर सकते हैं. जैसे कि इजराइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में शनिवार को कहा, ‘‘ईरान का शासन और क्षेत्र में उसके समर्थक सात अक्टूबर से इजराइल पर लगातार हमले कर रहे हैं... जिनमें ईरानी धरती से किए गए सीधे हमले भी शामिल हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के हर अन्य संप्रभु देश की तरह इजराइल को भी जवाब देने का अधिकार है और यह उसका कर्तव्य है.’’ इस बीच, अमेरिका ने कहा कि ईरान पर इजराइल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है और अब दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद होने चाहिए. 


अमेरिका ने दी ईरान को चेतावनी
अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने इजराइल पर जवाबी हमले किए तो उसे इसके ‘‘अंजाम’’ भुगतने पड़ेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके प्रशासन को लगता है कि इजराइली (सैन्य) अभियान के उपरांत अब दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य हमले ‘‘बंद होने’’ चाहिए और अन्य सहयोगी देश भी इससे सहमत हैं. ‘व्हाइट हाउस’ के नियमों के अनुसार नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि इजराइली अभियान ‘‘व्यापक, सटीक और लक्षित’’ था. उन्होंने कहा कि अमेरिका की इस हमले में कोई संलिप्तता नहीं है.