`मुझे जिंदगी भर दर्द रहेगा` जंग के बीच इजरायली सेना के खुफिया प्रमुख ने दिया इस्तीफा, वजह सुनकर दुनिया हैरान
Israeli military intelligence chief resigns: इजराइल के सैन्य खुफिया निदेशालय के मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, उनका इस्तीफा उस समय हुआ जब इजरायल चारों तरफ से जंग में फंसा है, जो वजह सामने आई है, उसे सुनकर हर कोई हैरान है.
Aharon Haliwa: इजरायली सेना ने सोमवार को कहा कि उसकी खुफिया इकाई के प्रमुख मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने इस्तीफा दे दिया है. हलीवा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है. सेना ने उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इजराइल के कई शीर्ष सुरक्षा अधिकारी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने क्यों दिया इस्तीफा
मेजर जनरल अहरोन हलीवा इजरायल के पहले अधिकारी है, जिन्होंने हमास हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है, उनका कहना है कि उनके पद पर रहते हुए हमास ने इजरायल पर जो हमला किया वह मेरी विफलता है. हम हमास को रोक नहीं पाए. बगैर किसी चुनौती के हमास के आंतकवादी घंटों तक इजरायल में तोड़फोड़ करते रहे और 1200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, जबकि गाजा में लगभग 250 लोगों को बंधक बनाकर ले जाया गया था.
इजरायली सेना ने क्या कहा
सेना ने कहा कि सैन्य खुफिया निदेशालय के प्रमुख ने हमास हमलों की वजह से हलीवा ने इस्तीफा दिया है. इजरायल के इतिहास में सबसे घातक हमले में अपनी भूमिका से इस्तीफा देने वाले अहरोन हलीवा पहले वरिष्ठ व्यक्ति बन गए.
इस्तीफा में क्या लिखा
मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि मेरी कमान के तहत खुफिया निदेशालय उस कार्य पर खरा नहीं उतरा जो हमें सौंपा गया था. “मैंने उस काले दिन को भूल नहीं पा रहा हूं. युद्ध का भयानक दर्द मुझे हमेशा तकलीफ दे रहा है. मुझे जिंदगी भर इसका दर्द रहेगा' ” मैं इस हमले को रोक नहीं पाया.
इजरायल में लोगों का गुस्सा
हमास हमले के बाद इजरायल के लोगों ने अपनी ही सेना पर सवाल उठा दिए थे, इतना बड़ा हमला हमास कैसे कर सकता है. राजनीतिक और खुफिया खामियों को लेकर पूरे देश में व्यापक जनाक्रोश के बीच अब हलीवा ने हमले की विफलताओं की जिम्मेदारी खुद पर ले ली है.
हमले के तुंरत बाद हलीवा ने मानी थी गलती
हमास के हमले के बाद ही हलीवा ने सार्वजनिक रूप से अपने को इस हमले का जिम्मेदार माना था. उन्होंने कहा था कि सरकार और सेना को जो खुफिया चेतावनियां और दैनिक अलर्ट की जिम्मेदार उनपर थी, वह नहीं निभा सके.
फंसा है इजरायल
हमास हमले के बाद यह लगातार कयास लगाया जा रहा था कि हलीवा और अन्य सैन्य और सुरक्षा अधिकारीअपनी विफलताओं के जवाब में इस्तीफा देंगे, लेकिन ऐसा सात महीनों तक नहीं हुआ. क्योंकि इजरायल अभी भी गाजा में हमास से लड़ रहा है और उत्तर में लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह से लड़ रहा है. दोनों दुश्मनों के बीच हमलों के बाद ईरान के साथ भी तनाव चरम पर है.
नेतन्याहू की जिम्मेदारी!
एक तरफ हलीवा और कई अन्य ने हमले को रोकने में विफल रहने के लिए इस्तीफा दे दिया है. वहीं देश के पीएम नेतन्याहू ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. उनका बस एक ही कहना है कि इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म करके ही मानेगा. उन्होंने यह भी संकेत नहीं दिया है कि वह पद छोड़ देंगे. देश में बंधकों की रिहाई के लिए पीएम पर बहुत दवाब है. इसी बीच ईरान से जंग का तनाव नेतन्याहू पर और भी दवाब डाल रहा है.
विपक्ष ने नेतन्याहू से मांगा इस्तीफा
इस बीच, अहरोन के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्षी येश एतिद पार्टी के सदस्य व्लादिमीर बेलियाक ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने 'एक्स' एक पोस्ट किया, ''आईडीएफ खुफिया निदेशालय के प्रमुख ने इस्तीफा देना बुद्धिमानी समझा. अविलम्ब एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए. वहीं प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.''