परमाणु समझौते पर इजरायल ने खोला ईरान के खिलाफ मोर्चा, नेतन्याहू की पीएम मोदी सहित कई नेताओं से वार्ता
ईरान ने परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर वर्ष 2015 में अमेरिका एवं पांच विश्वशक्तियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बदले में उसे प्रतिबंधों से राहत मिली थी.
यरुशलम: ईरान परमाणु समझौते को ‘बरकरार’ या ‘रद्द’ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के प्रयास के तहत इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को हालिया घटनाक्रम की जानकारी दी. नेतन्याहू के मीडिया सलाहकार की ओर से 4 मई को जारी एक बयान में कहा गया है कि इजरायली प्रधानमंत्री ने तीन अहम अंतरराष्ट्रीय नेताओं मोदी, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से बात की. ईरान ने परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर वर्ष 2015 में अमेरिका एवं पांच विश्वशक्तियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बदले में उसे प्रतिबंधों से राहत मिली थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते को ‘‘बेकार’’ बताते हुए इससे हटने की धमकी दी है. 12 मई को इस समझौते का नवीकरण होना है.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नेतन्याहू ने विश्व नेताओं के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और उन्हें जानकारी दी कि उन्होंने ईरान के परमाणु संग्रह के संबंध में महत्वपूर्ण सामग्री का खुलासा किया है. नेतन्याहू ने पहले मीडिया को बताया था कि वह 100,000 से ज्यादा दस्तावेज साझा करेंगे. बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों को इजरायल की जासूस एजेंसी मोसाद ने तेहरान के एक गोदाम से हासिल किया. इन दस्तावेजों से परमाणु हथियार एकत्रित करने के लिए पूर्व में ईरान के गुप्त प्रयास कथित तौर पर साबित होते हैं.
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी देखना चाहते हैं दस्तावेज
नेतन्याहू ने यरुशलम में अपने कार्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने कहा कि कि वे दस्तावेजों को देखना चाहते हैं. उनकी यह जानने में काफी रुचि है कि हमने क्या खुलासा किया है.’ उन्होंने कहा कि लंदन, पेरिस और बर्लिन से खुफिया पेशेवर इस्राइल द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों का विश्लेषण करने इस सप्ताह यरुशलम आ रहे हैं.
इजरायली पीएम ने की पुतिन और मर्केल से बात
इजरायली प्रधानमंत्री ने मोसाद द्वारा हासिल दस्तावेजों पर जानकारी देने के लिए सोमवार (30 अप्रैल) को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बात की थी.
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मैंने पुतिन से कहा कि सामग्री देखने के लिए उनका स्वागत है. मैंने चीन और अमानो (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख) को भी आमंत्रित किया है.’’