Israel Palestine Conflict: पवित्र शहर यरुशलम में अशांति की लहर के बाद इजरायल ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों और पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी है.  बता दें पिछले हफ्ते, इजरायली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में लगातार छापे मारे. पहली रात को, कम से कम 12 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया और 400 से अधिक को गिरफ्तार किया गया.


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इस छापेमारी के बद गाजा पट्टी, दक्षिणी लेबनान और सीरिया से इजराइल पर रॉकेट दागे गए जिसके जवाब में  रॉकेट हमले किए, जिससे इजरायली हवाई और तोपखाने से हमला किया.


शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में हुआ फैसला
इजराइल के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बातचीत के बाद पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि प्रतिबंध की सर्वसम्मति से रक्षा मंत्री योआव गैलेंट, इजरायली पुलिस चीफ ऑफ स्टाफ हर्ज़ी हलेवी, शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार और पुलिस आयुक्त कोबी शाबताई ने सिफारिश की थी.


राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री ने जताया विरोध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गिवीर ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, 'टेरर वेव के कारण प्रधानमंत्री की ओर से लिया गया यह एक गंभीर फैसला है. इससे मामला शांत होने की बजाय और बढ़ेगा.'


कट्टर दक्षिण पंथी माने जाने वाले गिवीर ने कहा, ‘जब आतंकवादी हम पर हमला करते हैं, तो हमें बड़ी ताकत से जवाब देना चाहिए, उसकी सनक के सामने आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए’


इस साल की शुरुआत से अब तक 100 फिलिस्तीनी मारे गए
इजराइलियों और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसा पिछले एक साल से बढ़ रही है, और 2023 की शुरुआत के बाद से लगभग 100 फिलिस्तीनियों को मार दिया गया है. इससे पवित्र भूमि में विशेष रूप से तनाव बढ़ गया है क्योंकि रमजान और यहूदी फसह का पर्व एक साथ हो गया है.


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