Ismail Haniyeh Assassination: हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनियेह की तेहरान में हत्या कर दी गई है. फिलिस्तीनी ग्रुप ने इसके लिए इजरायल को दोषी ठहराया है. हालांकि इजरायल की तरफ से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई है. हनियेह की हत्या के बाद से यह आशंका जताई जा रही है कि मध्य पूर्व में पहले से ही जारी तनाव और बढ़ेगा. यह डर भी जताया जा रहा है कि कहीं इजरायल और ईरान सीधी लड़ाई में न उतर जाएं.


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ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि इजरायल को हनियेह की 'कायरतापूर्ण' हत्या का 'अफसोस' होगा, उन्होंने कहा कि ईरान 'अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगा, गौरव और गरिमा का सम्मान करेगा.


एएफपी समाचार एजेंसी के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति ने हनियेह को 'बहादुर नेता' बताया. कतर में रहने वाले हमास के राजनीतिक नेता पेजेशकियन के राष्ट्रपति पद के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान आए थे.


ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कहा कि हमास नेता इस्माइल हनियेई की हत्या का बदला लेना 'तेहरान का कर्तव्य' है, क्योंकि यह ईरानी राजधानी में हुई. रॉयटर्स के अनुसार, खामेनेई ने कहा कि इजरायल ने खुद के लिए 'सख्त सजा' का आधार प्रदान किया है.


ईरान और इजरायल की दुश्मनी जगजाहिर है. ईरान हमास और लेबनानी ग्रुप हिजबुल्लाह का खुलकर समर्थन करता रहा है. इजरायल-हमास युद्ध में वह स्वभाविक रूप से फिलिस्तीनी ग्रुप का साथ दे रहा है.


रॉकेट अटैक में हनियेह की मौत
हालांकि इजरायल ने हनियेह की मौत की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन हमास के टॉप लीडर की मौत के बाद शक की सुई उस पर ही घूम रही है. बीबीसी के मुताबिक शुरुआती संकेत बताते हैं कि वह और उसका अंगरक्षक तब मारे गए जब एक रॉकेट उस घर पर गिरा जहां वह ठहरे हुए थे.


 


पुराने हमले से मिलता है तेहरान अटैक का पैटर्न
इजरायल आमतौर पर विदेश में अपने ऑपरेशंस पर टिप्पणी नहीं करता है, लेकिन इस हमले में इजरायल ने संभवतः वही पैटर्न अपनाया जैसा कि उसने 19 अप्रैल को नातान्ज़ में परमाणु संयंत्र के आसपास ईरानी एयर डिफेंस को निशाना बनाकर किए गए इजरायल अभियान में किया था.


ऐसा माना जाता है कि उस अभियान में, इज़राइली जेट विमानों ने ईरानी एयर स्पेस के बाहर से रॉकेट दागे थे.


इजरायल 7 अक्टूबर के क्रूर हमलों के बाद सभी हमास नेताओं को पकड़ने और दंडित करने की कसम खाई थी. इस हमले 1200 लोग मारे गए थे जबकि 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद इजरायल ने गाजा के खिलाफ जंग की घोषणा कर दी. इजरायली हमलों में अब तक 35, 000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.


इजरायल-हमास समझौते की कोशिशों को झटका
हनियेह  की हत्या से पहला बड़ा झटका दोहा में जारी शांति वर्ता को लगेगा. हनियेह भले ही गाजा में जमीनी स्तर पर दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के प्रभारी नहीं. यह जिम्मेदारी सैन्य कमांडर याह्या सिनवार संभाल रहे थे. लेकिन निर्वासन में हमास नेता के रूप में वह कतर, अमेरिका और मिस्र द्वारा मध्यस्थता की गई वार्ता में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ थे.


अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में सुझाव दिया था कि युद्ध विराम वार्ता जल्द ही सफल हो सकती है, हालांकि पिछले सप्ताहांत रोम में हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली. अब हनियेह की हत्या के बाद शांति वार्ता की कोशिशें अधर में लटक गई हैं.


क्या ईरान अपनाएगा यह रणनीति
अगर ईरान हनियेह की मौत का जवाब में कार्रवाई करता तो हो सकता है कि इजरायल से सीधा न टकराय. वह लेबनान के हिजबुल्लाह के जरिए हमला करवा सकता है. हनीया की हत्या दक्षिणी बेरूत में इजरायली हवाई हमले के कुछ ही घंटों के भीतर हुई है, जिसमें इजरायली अधिकारियों दावा ​​है कि उन्होंने सीनियर हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र को मार दिया है.


ईरान के पास कुछ और ऑप्शन भी है, जिनसे वह संपर्क कर सकता है, इनमें सीरिया और इराक में शिया उग्रवादी समूह, साथ ही यमन में हूती विद्रोही शामिल हैं. हालांकि आगे क्या होगा यह कहना मुश्किल है लेकिन मध्य पूर्व का भविष्य हनियेह की हत्या के बेहद खतरनाक दिख रहा है.


Photo courtesy- Reuters