Space One: जापान की 'स्पेन वन' ने बुधवार दूसरी बार एक और कोशिश करते हुए रॉकेट लॉन्च किया लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिल पाई. देश की पहली कंपनी बनने की कोशिश में जुटी 'स्पेस वन' ने मार्च महीने भी एक असफल प्रयास किया था. यह जापानी रॉकेट विकास के लिए हाल ही में आई असफलताओं की श्रृंखला में नवीनतम है, जबकि सरकार घरेलू अंतरिक्ष इंड्स्ट्री को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है और 2030 के दशक की शुरुआत तक सालाना 30 रॉकेट लॉन्च करने का लक्ष्य बना रही है.


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कैरोस की दूसरी उड़ान भी बुरी तरह असफल हो गई और सिर्फ कुछ ही मिनट के लिए रॉकेट हवा में उड़ान भर पाया, उसके बाद उसकी उड़ान को समाप्त कर दिया गया. स्पेस वन का कहना है कि कैरोस के मिशन की उपलब्धि मुश्किल होने वाली थी इसलिए इसकी उड़ान को यहीं पर खत्म कर दिया गया. लॉन्टिंग की लाइव तस्वीरों में 18 मीटर (59 फीट) का ठोस रॉकेट पश्चिमी जापान के स्पेसपोर्ट से सुबह 11:00 बजे उड़ान भरता हुआ दिखा, लेकिन ऊपर चढ़ते समय इसमें इसमें कुछ खराबी दर्द की गई और फिर इसकी उड़ान को वहीं पर रोक दिया गया. 


इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि रॉकेट तेज गति के साथ आसमान की तरफ जा रही है और लोग तालियां भी बजा रहे हैं. धीरे-धीरे रॉकेट दूर जाता है और तालियों का गड़गड़ाहट बढ़ने लगती है, इसी बीच रॉकेट नीचे की तरफ गिरने लगता है. 



इसमें ताइवान स्पेस एजेंसी के एक उपग्रह समेत पांच छोटे उपग्रह रॉकेट पर सवार थे, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 500 किमी (311 मील) ऊपर सूर्य-समकालिक कक्षा में जा रहे थे. कंपनी ने कहा कि स्पेस वन घटना की जांच कर रहा है और स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा.


टोक्यो में मौजूद स्पेस वन की स्थापना 2018 में कैनन इलेक्ट्रॉनिक्स, IHI की एयरोस्पेस इकाई, निर्माण फर्म शिमिजू और एक सरकारी बैंक द्वारा की गई थी. जिसका लक्ष्य 2029 तक 20 छोटे रॉकेट लॉन्च करना था, ताकि सैटेलाइट प्रक्षेपण की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. मार्च में अपनी पहली उड़ान में जापानी सरकार के उपग्रह को ले जाने वाले कैरोस में प्रक्षेपण के पांच सेकंड बाद धमाका हो गया.