लाहौर: जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद ने अपने पहले के बयान से पलटी मारते हुए शुक्रवार (2 फरवरी) को कहा कि उसको हिरासत में लेने के पीछे भारत और अमेरिका नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सरकार का हाथ था. सईद ने ‘नजरिया पाकिस्तान ट्रस्ट’ के कार्यकम में कहा, ‘‘मोदी सरकार नहीं, बल्कि हमारी अपनी पाकिस्तानी सरकार ने मुझे 10 महीने में हिरासत में रखा था. पाकिस्तान सरकार मुझे कश्मीर मुद्दा उठाने से रोकना चाहती थी.’’ उसने पहले दावा किया था कि उसकी हिरासत के पीछे भारत और अमेरिका का हाथ है. सईद को पिछले साल नवंबर में नजरबंदी से रिहा किया गया था. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को कश्मीर में ‘जुल्मों’ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए अैर आजादी हासिल करने में कश्मीर के लोगों की मदद करनी चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग: हाफिज सईद व सैयद सलाहुदीन सहित 7 अलगाववादी नेताओं पर तय होंगे आरोप


हाफिज सईद पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए : अमेरिका
अमेरिका ने बीते 18 जनवरी को कहा था कि जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद पर 'कानून की अंतिम सीमा तक' मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि अमेरिका उसे एक आतंकवादी मानता है. हाफिज को मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमांइड माना जाता है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सईद के खिलाफ कार्रवाई करने का संदेश भेजा है. जियो न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में सईद के नाम में 'साहब' लगाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी पहले ही सईद पर मुकदमा नहीं चलाने का फैसला कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है.


व्हाइट हाउस पहले ही साफ कर चुका है कि यदि पाकिस्तान सईद को हिरासत में लेने व आरोप लगाने की कार्रवाई नहीं करता तो इसका अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों पर असर पड़ेगा. पाकिस्तानी अधिकारियों ने सईद को पिछले साल नवंबर में साक्ष्यों के अभाव में नजरबंदी से रिहा कर दिया था. अमेरिका ने मई 2008 में सईद को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.


(इनपुट एजेंसी से भी)