चमत्कार! धरती पर यहां हवा में उड़ने लगती हैं चीजें, नहीं काम करती है ग्रेविटी
Gravity Does Not Work At This Place: यहां जैसे ही कोई चीज ऊंचाई से फेंकी जाती है तो वो हवा में उड़ने लगती है. वैज्ञानिक भी ये देखकर हैरान हैं.
वॉशिंगटन: वैसे तो ग्रेविटी (Gravity) की कमी के कारण स्पेस (Space) में चीजों को हवा में उड़ना तो आम बात लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि धरती पर ऐसी जगह है जहां ग्रेविटी (Gravity) न के बराबर काम करती है. यहां जब कोई चीज ऊंचाई से नीचे फेंकी जाती है तो वो जमीन पर नीचे नहीं गिरती बल्कि हवा में उड़ने लगती है. ऐसी घटना को देखकर साइंटिस्ट (Scientist) भी हैरान हैं.
यहां काम नहीं करती है ग्रेविटी!
बता दें कि जहां ग्रेविटी काम नहीं करती है वो जगह अमेरिका (US) में है. हां हम अमेरिका के हूवर डैम (Hoover Dam) की बात कर रहे हैं. हूवर डैम अमेरिका के नेवादा (Nevada) और एरिजोना (Arizona) राज्य की सीमा पर बना हुआ है. हूवर डैम कोलोराडो नदी (Colorado River) पर बना है. दरअसल हूवर डैम की बनावट ही ऐसी है जिसकी वजह यहां चीजें हवा में उड़ने लगती हैं और उनपर ग्रेविटी का असर नहीं होता है.
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हवा में क्यों उड़ने लगती हैं चीजें?
उदाहरण के लिए अगर हूवर डैम से कोई बोतल से पानी नीचे फेंकता है तो पानी हवा में उड़ने लगता है. हालांकि वैज्ञानिकों को मानना है कि ऐसा हूवर डैम की बनावट के कारण होता है. हूवर डैम की ऊंचाई और इसके धनुष के आकार में बने होने के कारण यहां चलने वाली हवा डैम की दीवार से टकराकर नीचे से ऊपर की तरफ चलती है. इसीलिए हूवर डैम से नीचे फेंकी गई चीजें जमीन पर नहीं गिरती हैं बल्कि हवा में उड़ने लगती हैं.
कितनी है हूवर डैम की ऊंचाई?
गौरतलब है कि हूवर डैम की ऊंचाई 726 फीट है. हूवर डैम के बेस की मोटाई 660 फीट है जो फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर है. हूवर डैम जिस नदी पर बना है उसका नाम कोलोराडो नदी है, जिसकी लंबाई 2334 किलोमीटर लंबी है.
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जान लें कि अमेरिका में हूवर डैम का निर्माण 1931 से 1936 के बीच हुआ था. हूवर डैम का नाम अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर के नाम पर रखा गया था.
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