नई दिल्ली : फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून (Prophet Mohammad's cartoon) दिखाए जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ईश निंदा के इस मामले को लेकर एक नृशंस हत्याकांड के बाद फ्रांस सरकार की सख्ती का असर अब उसे आर्थिक मोर्चे पर भुगतना पड़ रहा है. ताजा घटनाक्रम के तहत कुवैत में रिटेल चेन चलाने वाले समूह ने अपनी दुकानों से फ्रांस की कंपनियों के प्रोडक्ट्स (French Products) के बहिष्कार का ऐलान किया है. 


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मुस्लिम देशों में नाराजगी
अरब जगत की सबसे बड़ी इकॉनमी रियाद में भी फ्रेंच प्रोडक्ट्स का बॉयकाट हुआ जहां रविवार को इससे संबंधित हैशटैग ट्विटर चार्ट पर दूसरे नंबर पर रहा. 23 अक्टूबर को  जारी सर्कुलर के मुताबिक गैर सरकारी संगठन यानी कंज्यूमर को ऑपरेटिव सोसाइटी (Consumer Co-operative Societies) की प्रमुख यूनियन ने फ्रेंच प्रोडक्ट्स की जानकारी देते हुए उनके बहिष्कार का फैसला लिया था.


इन उत्पादों पर सर्वाधिक असर


इस दौरान कुवैत के सभी प्रमुख रिटेल स्टोर्स से फ्रांसीसी कंपनियों के बने हेयर और ब्यूटी प्रोडक्ट रातों-रात हटा दिए गए.



फ्रांस के विदेश मंत्रालय की पुष्टि
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने इस खबर की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट के कई देशों ने फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार कर दिया है. इसमें फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है.


 



दरअसल इस्लाम में, पैगंबर के किसी भी तरह के चित्रण को ईशनिंदा के तौर पर उसे हजरत की शान में गुस्ताखी माना जाता है. इससिए कुवैत के कॉपरेटिव संगठनों ने फ्रांस की सरकार के रुख को इस्लाम विरोधी करार दिया है.


जानिए क्या था पूरा मामला ?
मुस्लिम देशों और फ्रांस के बीच रिश्ते उस वक्त कड़वाहट से भर गए जब एक फ्रांसीसी शिक्षक ने पैंगबर का कार्टून बच्चों से भरी क्लास में दिखाया था. इसके बाद कट्टरपंथियों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद ईशनिंदा का बदला लेने के लिए उनका बेरहमी से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. उसके बाद से पूरे फ्रांस में चरमपंथी सोच और कट्टरपंथी इस्लाम को लेकर लाखों आवाजें मुखर हुई थीं.



(इनपुट रॉयटर्स से )


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