Afghanistan Crisis Live: तालिबान के साथ `फ्रेंडली संबंध` बनाएगा चीन, ये देश भी बंद नहीं करेंगे काबुल स्थित दूतावास
काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान (Tabliban back in Afghanistan) युग लौट आया है और राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा हो गया है. अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क के फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल (Kabul) में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद तालिबान काबुल की जरूरी जगहों पर अपना कब्जा कर रहा है. वहीं काबुल में तालिबान के प्रवेश के बाद लोगों ने खुद को अपने घरों में बंद कर लिया है.
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चीन ने कहा कि वह तालिबान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करेगा. चीन का कहना है कि वह अफगानिस्तान में तालिबान शासन के साथ 'मैत्रीपूर्ण संबंध' विकसित करने को तैयार है. इसके साथ ही चीन ने यह भी कहा है कि वह काबुल स्थित अपना दूतावास बंद नहीं करेगा. चीन के साथ ही पाकिस्तान, तुर्की और रूस का भी कहना है कि वह अपने दूतावास को बंद नहीं करेंगे. (इनपुट- एएफपी)
काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर मची अफरातफरी को देखते हुए यहां से कमर्शियल फ्लाइट्स को बंद करने का ऐलान किया गया है और इस कारण कई लोग वहां फंस गए हैं. सूत्र बताते हैं कि भारत अपने नागरिकों को निकालने के लिए चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल कर सकता है. एयरपोर्ट बंद होने की सूरत में हो सकता कि भारत अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करवाए.
खबर है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ओमान में हैं और वह अमेरिका जा सकते हैं. बता दें कि अशरफ गनी ने रविवार को देश छोड़ दिया था और खबर आई थी कि वो ताजिकिस्तान में हैं, लेकिन आज ताजिकिस्तान ने इससे इनकार कर दिया था.
अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी है और इस बीच फायरिंग की खबर है, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं. चश्मदीदों ने बताया कि एयरपोर्ट टर्मिनल के पास लाश देखे गए हैं. (इनपुट रॉयटर्स)
दिल्ली में अफगान दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई
अफगानिस्तान में खराब होते हालात को देखते हुए दिल्ली स्थिन अफगान दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दूतावास के बाद बैरिकेडिंग की गई है और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
एयर इंडिया के विमान ने लिया यू-टर्न
शिकागो से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI126 ने कुछ देर पहले मजार-ए-शरीफ के ऊपर अफगान हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अचानक यू-टर्न ले लिया. फिलहाल विमान तुर्कमेनिस्तान के हवाई क्षेत्र में है. अभी तक आधिकारिक रूप से इसकी वजह की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि अफगान हवाई क्षेत्र पर सुरक्षा चिंताओं ने भारतीय विमान को मार्ग बदलने के लिए मजबूर किया.
कहां गए अशरफ गनी?
रशियन न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के अनुसार, अफगानिस्तान के हालात पर ताजिकिस्तान ने बयान जारी किया है और बताया है कि अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ताजिकिस्तान में नहीं है.
पूरी तरह तालिबान के नियंत्रण में काबुल
तालिबान ने आधिकारिक रूप से बयान जारी करके कहा है कि काबुल शहर तालिबान के नियंत्रण में है. लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए काबुल शहर के विभिन्न हिस्सों में तालिबान के विशेष लड़ाकों को तैनात किया गया है. तालिबानी मुजाहिदीन के काबुल में आने से आम जनता खुश है और सुरक्षा से संतुष्ट है.
तालिबान का बयान आया सामने
तालिबान के एक प्रवक्ता एवं वार्ताकार सुहैल शाहीन ने कहा कि इस्लामिक अमीरात ने अपने मुजाहिदीन को एक बार फिर निर्देश दिया है कि कोई भी लड़ाका बिना अनुमति के किसी के घर में प्रवेश नहीं कर सकता है. साथ ही किसी के जीवन, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
दिल्ली से काबुल जाने वाली फ्लाइट का समय बदला
काबुल में तालिबान की एंट्री के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं और इस बीच दिल्ली से काबुल जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट का समय बदल गया है. एयर इंडिया की फ्लाइट अब रात 8.30 बजे के बजाय 12.30 बजे उड़ान भरेगी.
काबुल में तेजी से बदलते हालात के बीत भारत सरकार अलर्ट है और हालात पर नजर बनाए हुए है. भारत सरकार ने काबुल से लोगों को निकालने के लिए एयर इंडिया के 2 विमान को अलर्ट पर रखा है.
अफगन मीडिया के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर अफगान जनता की भीड़ को अमेरिकी हेलिकॉप्टरों और विमान से दूर करने के लिए आज सुबह भी अमेरिकी सैनिकों में हवा में फायर किया. कल रात भी कई बार काबुल अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भीड़ को दूर करने के लिए अमेरिकी सेना ने हवा में फायर किया था.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के प्रवेश के बाद काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. कई देशों के राजनायिकों को भी काबुल एयरपोर्ट से ही बचाकर ले जाया जा रहा है. तालिबान के कब्जे के बाद ही काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की खबर मिली है. एयरपोर्ट पर हर तरफ भगदड़ के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
काबुल में अमेरिकी दूतावास के पास दो बड़े धमाके की खबर है. इस धमाके में किसी के घायल होने या मारे जाने के बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है. अमेरिका ने अपने नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर छिपने के लिए कहा है. इसके साथ ही काबुल एयरपोर्ट पर भी गोलीबारी हुई है, जिसके कारण काबुल एयरपोर्ट पर आग लग गई. (फोटो सोर्स- पीटीआई)
अशरफ गनी ने बताई अफगानिस्तान छोड़ने की वजह
अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने अपने देश छोड़ने की वजह बताई है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े. मुश्किल वक्त में मुल्क छोड़कर भागने के लिए अशरफ गनी की आलोचना हो रही है. अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने अपनी फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में लिखा, 'अगर वह अफगानिस्तान में रुके रहते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते. ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती. साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता. इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला लिया. अब तालिबान जीत चुका है. वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.'
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) कल से दो बार ट्वीट करके बोल चुके हैं कि वो अफगानिस्तान में ही हैं और देश छोड़ कर नहीं गए हैं. सालेह के देश छोड़ने पर अफगान मीडिया ने अभी तक कुछ नहीं कहा है. सिर्फ राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा है. (इनपुट- मनीष शुक्ला)
सूत्रों ने बताया कि काबुल से राजनयिकों की निकासी पर निर्णय लेने के लिए भारत अफगानिस्तान में तेजी से बदलती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है. (इनपुट- मनीष शुक्ला)
अमेरिका ने अपने नागरिकों और मिशन से जुड़े स्टाफ को निकालने के लिए 6000 सैनिकों को तैनात किया. (इनपुट- मनीष शुक्ला)
तालिबान कर सकता है कब्जे का ऐलान
तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जे का दावा किया है. अब तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जे और अपनी सरकार का ऐलान कर सकता है. (इनपुट- ब्रह्म प्रकाश दुबे)
राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा
काबुल में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा हो गया है। अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अपने कब्जे की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करने और देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देने की उम्मीद है. बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटिश सैनिक देश के लोगों को काबुल से निकालकर स्वदेश लाने के लिये वहां पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को मंत्रिमंडल की आपात समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि ब्रिटिश नागरिकों और बीते 20 साल में अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले अफगानियों को जल्द से जल्द बाहर निकालना प्राथमिकता है. उन्होंने स्काई न्यूज से कहा, 'दिन-रात काम कर रहे राजदूत आवेदन प्रक्रिया में मदद के लिये हवाई अड्डे पर मौजूद हैं.'
अपने दूतावास को हवाई अड्डे पर ट्रांसफर कर रहा फ्रांस
फ्रांस अपने सभी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए काबुल स्थित फ्रांसीसी दूतावास को फिलहाल अबू धाबी हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा है. विदेश मंत्री ज्यां य्वेस ली द्रेन ने रविवार को एक बयान में कहा कि आने वाले कुछ घंटों में संयुक्त अरब अमीरात में सैनिकों और विमानों की तैनाती की जाएगी. फ्रांस अपने नागरिकों को निकाले की प्रक्रिया हफ्तों पहले शुरू कर चुका है और जुलाई के मध्य से चार्टर उड़ाने भी शुरू की जा चुकी हैं.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद तालिबान काबुल की जरूरी जगहों पर अपना कब्जा कर रहा है. इसके बाद काबुल में लोग अपने घर में कैद हो गए हैं. (इनपुट- ब्रह्म प्रकाश दुबे)