Maldives News: दुनियाभर में समुद्र के बढ़ते जलस्तर और भयानक तूफानों की वजह से तटीय इलाके गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं. समुद्र किनारे बसे कई देशों पर अब खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है. इन्हीं में से एक देश है मालदीव, जो बढ़ते समुद्र के जलस्तर से परेशान है और इसके कई इलाके डूब रहे हैं.


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द्वीपों को बचाने के लिए नई तकनीकों पर काम


लेकिन अब अमेरिकी वैज्ञानिक मालदीव के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इन द्वीपों को बचाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मालदीव को डूबने से बचाने के लिए समुद्री 'दीवाल' बना रहे हैं. इसके लिए वे समुद्र के तल से बालू निकाल रहे हैं और इसे समुद्री बीच पर फेंक रहे हैं. मालदीव में 1200 द्वीप हैं और 900 किमी लंबी चेन है. मालदीव को बचाने के लिए वैज्ञानिक प्राकृतिक समाधान पर काम कर रहे हैं.


मालदीव को समुद्र में डूबने से बचाने की कोशिशें


दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिससे तटीय इलाकों को गंभीर खतरा हो रहा है. कई देशों के समुद्री किनारे, विशेषकर छोटे द्वीपीय देशों, के अस्तित्व पर अब संकट मंडरा रहा है. इन्हीं में से एक देश है मालदीव, जो समुद्र के बढ़ते जलस्तर और लगातार आने वाले भयानक तूफानों से बुरी तरह प्रभावित है. मालदीव के कई तटीय इलाके धीरे-धीरे डूब रहे हैं. जिससे वहां के निवासियों और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.


प्राकृतिक खूबसूरती पर मंडराता खतरा


मालदीव में लगभग 1200 द्वीप हैं, जो हिंद महासागर में लगभग 900 किमी लंबी एक श्रृंखला के रूप में फैले हुए हैं. यह द्वीप देश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, समुद्री जीवन, और सफेद रेत के बीच के लिए जाना जाता है. लेकिन बढ़ते समुद्री जलस्तर की वजह से मालदीव के अस्तित्व पर संकट के बादल छाए हुए हैं. विश्व के अन्य कई द्वीपीय देशों की तरह, मालदीव भी समुद्री कटाव और डूबते तटीय क्षेत्रों का सामना कर रहा है.


अमेरिकी और मालदीवी वैज्ञानिकों की नई पहल


मालदीव को इस संकट से बचाने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिक और मालदीव के स्थानीय वैज्ञानिक एक साथ मिलकर नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं. इस नई तकनीक का उद्देश्य है समुद्र से हो रहे कटाव को रोकना और समुद्र के जलस्तर से द्वीपों की रक्षा करना. इसके तहत समुद्री 'दीवाल' बनाई जा रही है. जो प्राकृतिक दीवारों की तरह समुद्र की लहरों को रोकने का काम करेगी.


वैज्ञानिक समुद्र के तल से बालू निकाल रहे


इसके लिए वैज्ञानिक समुद्र के तल से बालू निकाल रहे हैं और उसे समुद्र किनारे के बीच पर फैला रहे हैं. जिससे समुद्र के कटाव को कम किया जा सके और द्वीपों को सुरक्षित किया जा सके. इस तकनीक से न केवल तटीय इलाकों को बचाया जाएगा. बल्कि समय के साथ ये बीच प्राकृतिक रूप से और मजबूत हो सकते हैं.


प्राकृतिक समाधान की तरफ बढ़ते कदम


वैज्ञानिक सिर्फ तकनीकी समाधानों पर ही निर्भर नहीं हैं, बल्कि वे प्राकृतिक समाधानों पर भी काम कर रहे हैं. इनमें से एक है प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) को पुनर्जीवित करना. प्रवाल भित्तियां प्राकृतिक समुद्री दीवारों की तरह काम करती हैं और समुद्र की लहरों की ताकत को कम करती हैं. मालदीव में कई प्रवाल भित्तियां पहले से ही क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, लेकिन अब उन्हें फिर से जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.


मैंग्रोव पेड़ों की खेती


इसके अलावा मैंग्रोव पेड़ों की खेती भी एक और प्राकृतिक समाधान है. मैंग्रोव की जड़ें समुद्री तटों पर लहरों की गति को धीमा करती हैं और तटों को कटाव से बचाती हैं. मैंग्रोव जंगलों के बढ़ते क्षेत्र से मालदीव के तटों की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है.


जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयास


मालदीव में हो रहे इन प्रयासों को वैश्विक रूप से भी समर्थन मिल रहा है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी छोटे द्वीपीय देशों के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं, ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिल सके. मालदीव के राष्ट्रपति ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और बड़े देशों से अपील की है कि वे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करें, ताकि जलवायु परिवर्तन की गति धीमी हो सके.


भविष्य की चुनौती और उम्मीद


मालदीव के लिए यह समय बहुत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन वैज्ञानिकों के प्रयास और नई तकनीकों के साथ प्राकृतिक समाधानों का प्रयोग एक नई उम्मीद जगा रहा है. हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि अगर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को जल्द नहीं रोका गया, तो आने वाले वर्षों में मालदीव जैसे द्वीपीय देशों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. समुद्री कटाव से निपटने के लिए जारी इन तकनीकी और प्राकृतिक समाधानों से मालदीव को उम्मीद है कि आने वाले समय में वे अपने द्वीपों को सुरक्षित रख पाएगा.