US: आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों में फिर शामिल हुआ क्यूबा, Mike Pompeo ने बताई ये वजह
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने हमेशा कास्त्रो शासन के उन संसाधनों तक पहुंच रोकने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनका इस्तेमाल वह लोगों को दबाने में करता है. वहीं हमने ‘वेनेजुएला (Venezuela) में भी ऐसे हस्तक्षेप रोकने की कोशिश की है.
वाशिंगटन: अमेरिका (USA) के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump ) के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने देश के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के फैसले को पलटते हुए क्यूबा को ‘आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले’ देशों की सूची में फिर से शामिल किया है. यह फैसला अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के सत्ता की कमान संभालने से कुछ दिन पहले लिया गया है.
विदेश मंत्री पोम्पिओ ने दी जानकारी
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की सरकार ने हमेशा ही कास्त्रो शासन की उन संसाधनों तक पहुंच रोकने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनका इस्तेमाल वह ‘घर पर अपने लोगों को दबाने में करता है.' इसके अलावा अमेरिका ने ‘वेनेजुएला (Venezuela) और शेष पश्चिमी गोलार्द्ध में उसका हस्तक्षेप’ रोकने की कोशिश की है.
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पहले से अमेरिकी निशाने पर रहा है क्यूबा
पोम्पिओ ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय ने आतंकवादियों को पनाह मुहैया कराकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों का बार-बार समर्थन करने के कारण क्यूबा को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की सूची में शामिल किया है.’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने ये भी कहा, ‘इस कदम के जरिए, हम क्यूबा सरकार को एक बार फिर से जवाबदेह बनाएंगे और एक स्पष्ट संदेश देंगे कि कास्त्रो शासन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को अपना समर्थन और अमेरिकी न्याय व्यवस्था को नष्ट करना बंद कर देना चाहिए.’
पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन ने क्यूबा को इस सूची से हटा दिया था. क्यूबा को इस सूची में शामिल किए जाने के बाद उसके साथ कारोबार करने वाले देशों और लोगों को दंडित किया जा सकेगा. वहीं इस सूची में शामिल देशों को अमेरिकी विदेशी सहायता नहीं मिलती और रक्षा आयात एवं निर्यात संबंधी प्रतिबंध समेत कई प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
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