America News: अमेरिका का विदेश विभाग पिछले कुछ समय से भारत पर किसी ना किसी बहाने टिप्पणी कर रहा है. अमेरिका ऐसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया देता है, जिनसे उसका कोई लेना देना होता ही नहीं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अमेरिका ऐसा क्यों करता है?
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America News: अमेरिका का विदेश विभाग पिछले कुछ समय से भारत पर किसी ना किसी बहाने टिप्पणी कर रहा है. अमेरिका ऐसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया देता है, जिनसे उसका कोई लेना देना होता ही नहीं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अमेरिका ऐसा क्यों करता है? हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खालिस्तानी आतंकी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नु को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को पन्नु की हत्या की साजिश के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. मैथ्यू मिलर ने ये जवाब तब दिया जब उनसे एक पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया.
अमेरिका की प्रतिक्रियाएं सामान्य नहीं
अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली ये प्रतिक्रियाएं सामान्य नहीं हैं. अक्सर हम एक शब्द इस्तेमाल करते हैं, Designer पत्रकार. तो अमेरिका के भारत विरोधी बयानों के पीछे ऐसे ही कुछ Designer पत्रकार हैं. पिछले कुछ समय में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत और अमेरिका के संबंध, भारतीय लोकतंत्र ,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और CAA को लेकर प्रतिक्रियाएं दी हैं. और इनके पीछे भारत विरोधी सोच के वो पत्रकार हैं, जो एजेंडे के तहत इस तरह के सवाल करते हैं.
- मुश्फिकुल फ़ज़ल अंसारे और जहांजैब अली ऐसे ही पत्रकार हैं.
- मुश्फिकुल फ़ज़ल संयुक्त राष्ट्र, अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस कवर करता है.
- जबकि जहांजैब अली मुख्यतौर पर अमेरिका और पाकिस्तान संबंधों पर फोकस करता है.
मुश्फिकुल फ़ज़ल के बेतुके सवाल..
लेकिन व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन्होंने भारत को लेकर ऐसे सवाल पूछे. जिनसे दुनिया में भारत की छवि धूमिल हो. इनके सवालों से कभी ऐसा नहीं लगा कि इन्होंने सवाल अपने मीडिया संस्थान के लिए किये, बल्कि ऐसा लगा कि सवाल किसी एजेंडे के तहत किये गये हैं. जैसे मुश्फिकुल फ़ज़ल ने चुनाव से पहले..
- विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी पर व्हाइट हाउस में सवाल किया
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी सवाल पूछा
- कांग्रेस के खाते सीज किये जाने पर अमेरिका की प्रतिक्रिया मांगी
- भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लेकर सवाल किया
- 16 अप्रैल को चुनावों पर सवाल उठाते हुए फिर प्रश्न किया था
- जहांजैब अली भी इसी तरह के सवाल करता रहा है. जहांजैब ने 17 अप्रैल को खालिस्तान का मुद्दा उठाया .
- 25 अप्रैल को विदेशी पत्रकार अवनी डायस के Visa Renewal को लेकर भारत विरोधी रिपोर्टिंग की थी.
- जहांजैब ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अवनी डायस को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं..
जबकि बाद में पता चला कि पत्रकार अवनी डायस काफी पहले ही ऑस्ट्रेलिया लौटने की Planning कर चुकी थी. भारत को लेकर जिन मुद्दों पर दोनों पत्रकार सवाल करते हैं, उनका ना अमेरिका से कोई लेना-देना है, ना इन दोनों पत्रकारों के देश से. जैसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से अमेरिका या बांग्लादेश का कोई मतलब नहीं है. लेकिन जब भारत विरोधी पत्रकार सवाल करते हैं तो अमेरिका कोई ना कोई प्रतिक्रिया देता है. जिससे भारत की छवि प्रभावित होती है.
इस तरह के सवाल करके इन दोनों Designer पत्रकारों को कई बार शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी है, लेकिन भारत विरोधी एजेंडे पर ये अब भी काम कर रहे हैं. इसलिए इनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.
कौन है मुश्फिकुल फजल?
- मुश्फिकुल फ़ज़ल अंसारे बांग्लादेश का नागरिक है और वाशिंगटन में रहता है. इन दिनों South Asia Perspectives का कार्यकारी संपादक है. साथ ही बांग्लादेश के आउटलेट Just News BD के लिए भी काम करता है.
- मुश्फिकुल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी BNP के साथ काम कर चुका है. कई राजनीतिक विवादों में मुश्फिकुल का नाम शामिल रहा है.
- मुश्फिकुल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने के संगीन आरोप लग चुके हैं.
- जहांजैब अली पत्रकार और लेखक है, जो वाशिंगटन में रहता है. जहांजैब पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल ARY न्यूज़ से जुड़ा है. इसके अलावा The Friday Times और Daily Times के लिए लिखता है.
मुश्फिकुल का ISI कनेक्शन..
मुश्फिकुल का ISI कनेक्शन और जहांजैब का पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल से जुड़ाव इनके भारत विरोधी एजेंडे की तस्वीर साफ करता है कि क्यों ये बार-बार अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता से भारत से संबंधित सवाल पूछते हैं. और भारत की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं.