Mikhail Gorbachev Death: सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव का निधन, कोल्ड वार खत्म करने में थी भूमिका
पूर्व सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव का 91 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया. गोर्बाचेव को बिना किसी खून खराबे के कोल्ड वार को समाप्त करने के लिए जाना जाता है, हालांकि वह सोवियत संघ के पतन को रोकने में विफल रहे. इसके लिए उन्हें कुछ लोग जिम्मेदार मानते हैं.
Mikhail Gorbachev Dies: पूर्व सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव का 91 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया. गोर्बाचेव को बिना किसी खून खराबे के कोल्ड वार को समाप्त करने के लिए जाना जाता है, हालांकि वह सोवियत संघ के पतन को रोकने में विफल रहे. इसके लिए उन्हें कुछ लोग जिम्मेदार मानते हैं. मंगलवार को रूसी एजेंसियों ने अस्पताल के अधिकारियों के हवाले से गोर्बाचेव की मौत की सूचना दी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मौत कैसे हुई, लेकिन बताया गया है कि जून में उन्हें गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पुतिन ने जताया शोक
क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोवियत राजनेता के निधन पर अपनी गहरी सहानुभूति व्यक्त की है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उनकी मौत पर कहा है कि मिखाइल गोर्बाचेव की मृत्यु के बारे में सुनकर दुखी हूं. वहीं, अमेरिकी नेता और बॉडी बिल्डर अरनॉल्ड ने भी मिखाइल गोर्बाचेव की मौत पर दुख जताते हुए उनके साथ अपनी एक फोटो के साथ ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "एक पुरानी कहावत है, 'Never meet your heroes.' मुझे लगता है कि यह कुछ सबसे खराब सलाह है, जो मैंने सुनी है. मिखाइल गोर्बाचेव मेरे नायकों में से एक थे, उनसे मिलना एक सम्मान और खुशी की बात थी. मैं अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली था कि उन्हें एक दोस्त कहा. हम सभी उनके शानदार जीवन से सीख सकते हैं."
पश्चिमी देशों के साथ की थीं कई साझेदारी
मिखाइल गोर्बाचेव ने द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद से यूरोप को विभाजित करने वाली चीजों को खत्म करने के लिए पश्चिमी शक्तियों के साथ साझेदारी की. 1980 के दशक के अमेरिकी समकक्ष रोनाल्ड रीगन के साथ उनके सौदे -विशेष रूप से आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक में उनका 1986 का ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन, जिसने अंततः परमाणु हथियारों पर एक सफलता हासिल की, जो कि इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि के माध्यम से हुई थी, यह दुनिया के तत्कालीन दो सुपर पावर के बीच शांति बनाए रखने में बहुत बड़ा पल था. ब्रिटेन की पूर्व प्रधान मंत्री मार्गरेट थैचर ने एक बार सोवियत प्रमुख (गोर्बाचेव) के बारे में कहा था, 'मुझे श्री गोर्बाचेव पसंद हैं. हम एक साथ व्यापार कर सकते हैं.' थैचर को उनके बारे में यह पसंद था कि वे एक साथ बहस कर सकते थे. यानी कभी प्यार से तो कभी गुस्से में.
माना जाता है सोवियत संघ के टूटने का जिम्मेदार
1989 में जब कम्युनिस्ट पूर्वी यूरोप में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के शुरू होने पर उन्होंने बल प्रयोग से परहेज किया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि अगले 2 वर्षों में सोवियत संघ टूट गया और उसके 15 गणराज्य बिखर गए. इसके लिए कई लोग गोर्बाचेव को जिम्मेदार मानते हैं.
एक मजदूर के घर में हुआ था जन्म
गोर्बाचेव का जन्म 2 मार्च 1931 को स्टावरोपोल राज्य के एक गांव में एक मजदूर के घर में हुआ था. उन्होंने मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन कंप्लीट की. कुछ दिनों तक एक फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर की नौकरी की. इसके बाद पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपना अधिकांश समय समर्पित कर दिया. गोर्बाचेव 1985 में 54 वर्ष की आयु में सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने. उनकी राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता को लागू करने की महत्वाकांक्षा सीमित थी. उनकी स्वतंत्र भाषण नीति, जिसे 'ग्लासनोस्ट' के नाम से जाना जाता है, ने पार्टी और राज्य की आलोचना के लिए लोगों को जगह दी और सोवियत गणराज्यों में राष्ट्रवादियों को स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया.
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