Mohammad Yunus Anti-India Plan: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार एक बार फिर भारत विरोधी साजिश रच रही है. और इन साजिशों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए यूनुस वो हथियार खरीद रहे हैं, जिनका इस्तेमाल इस्लामिक स्टेट (ISIS) करता है. खबरों के मुताबिक, यूनुस सरकार ने तुर्की की एक डिफेंस कंपनी के साथ डील की है. इस डील के तहत बांग्लादेश से तुर्की को 26 लाइट बैटल टैंक्स मिलेंगे, जो टैंक्स खरीदे जा रहे हैं उनका नाम OTOKAR TULPAR है. बताया जा रहा है साल 2025 में ही ये 26 लाइट बैटल टैंक्स बांग्लादेश पहुंचा दिए जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लाइट बैटल टैंक खासियत


बांग्लादेश जिस लाइट बैटल टैंक को खरीद रहा है उसका वजन सिर्फ 32 टन है. इस टैंक के अंदर ऑपरेटर्स समेत 12 सैनिक बैठ सकते हैं. एक बार मैदान में निकलने के बाद ये टैंक 600 किलोमीटर तक जा सकता है और इसकी स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है. इस टैंक पर MAIN CANNON के साथ ही साथ ये टैंक एक हेवी मशीनगन से भी लैस है. अब सवाल उठता है कि आखिर यूनुस सरकार ने इस टैंक को ही क्यों चुना? लाइट बैटल टैंक के जरिए बांग्लादेश किस तरह भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है और इस टैंक का इस्लामिक स्टेट कनेक्शन क्या है?


बॉर्डर इस टैंक के साथ नजर आएगी बांग्लादेशी सेना


इस लाइट बैटल टैंक के लिए डील पूरी हो गई है और माना जा रहा है जल्द बांग्लादेशी फौज इस टैंक के साथ भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर नजर आएगी. बांग्लादेश ने तुर्की से इसी लाइट बैटल टैंक को क्यों खरीदा, इस सवाल का जवाब इस टैंक की खासियतों में छिपा है. भारत और बांग्लादेश बॉर्डर के कई हिस्से नदियों से गुजरते हैं. TULPAR टैंक कम गहराई वाले पानी में आसानी से ऑपरेट कर सकता है. भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के कुछ हिस्सों पर कम ऊंचाई के पहाड़ भी हैं. TULPAR टैंक ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर चल सकता है. और सबसे बड़ी खासियत इस टैंक की कैपेसिटी है. टैंक में क्रू के साथ ही साथ एक छोटी सैन्य टुकड़ी भी जा सकती है. यानी बॉर्डर के किसी सीमित हिस्से पर किसी छोटी तनातनी में ये टैंक कारगर साबित हो सकता है.


इससे पहले बांग्लादेशी फौज ने बॉर्डर पर तुर्की में बने बेयरक्तार ड्रोन भी तैनात किए थे, जिनके जरिए भारतीय बॉर्डर पर जासूसी की नाकाम कोशिश की गई  थी. पहले ड्रोन और अब लाइट बैटल टैंक मोहम्मद यूनुस की ये बारूदी शॉपिंग लिस्ट बताती है कि बांग्लादेश भारत को उकसा कर किसी सीमित टकराव का आगाज करना चाहता है.


सीरिया में भी किया गया था इस टैंक का इस्तेमाल


मोहम्मद यूनुस जो लाइट बैटल टैंक खरीद रहे हैं, इनका इस्तेमाल सीरिया में हुए तख्तापलट के दौरान भी किया गया था. सीरिया में असद सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह में तीन किरदार शामिल थे. पहला था हयात तहरीर अल शाम, जो सीरियाई विद्रोहियों से मिलकर बना संगठन है. दूसरा था इस्लामिक स्टेट, जिसे तुर्की ने मदद की थी. और तीसरा किरदार खुद तुर्की था, जिसने फ्रंटलाइन के पीछे से लगातार बमबारी की और सीरियाई विद्रोहियों के कूच को सपोर्ट किया था.


तुर्की ने बमबारी के लिए इन्हीं TULPAR लाइट बैटल टैंक्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन ये टैंक गृहयुद्ध के मोर्चे पर कामयाब साबित नहीं हुए. सीरियाई में रेतीले रास्तों की वजह से इन टैंक्स की रफ्तार कम हो गई थी, जिसकी वजह से कुर्द विद्रोहियों ने इन टैंक्स को एंटी टैंक मिसाइलों से निशाना बनाया. चूंकि ये लाइट टैंक थे, इसी वजह से इनकी सतह ज्यादा मजबूत नहीं थी. और सीरियाई सेना ने एंटी एयरक्राफ्ट गन जैसे हथियारों से भी इन टैंक्स को टारगेट कर लिया था. FPV यानी छोटे ड्रोन से मोर्टार गिराकर भी इन टैंक्स के हल्के पहियों और चेन को बर्बाद किया गया था, जिसकी वजह से ये टैंक्स कारगर नहीं रहे थे.


TULPAR टैंक्स की हिस्ट्रीशीट बताती है कि युद्ध के मैदान में ये टैंक्स कारगर नहीं हैं. लेकिन, यूनुस के दिमाग पर इस्लामिक स्टेट की परछाई पड़ी हुई है. पहले यूनुस ने इस्लामिक स्टेट की तर्ज पर एक प्राइवेट मिलिशिया खड़ी करने का प्लान बनाया था और अब इस्लामिक स्टेट वाले नाकारा हथियारों को यूनुस बांग्लादेशी फौज का हिस्सा बना रहे हैं.