Hindu priest murder by Bangladeshi extremists: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान में स्थित एक मंदिर में न सिर्फ पुजारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई, बल्कि मंदिर को भी लूट लिया गया. ISKCON की कोलकाता इकाई ने शनिवार को बांग्लादेश के नाटोर में स्थित श्मशान घाट मंदिर में चरमपंथियों द्वारा हिंदू पुजारी की ‘हत्या’ की निंदा की है. बता दें कि बांग्लादेश से हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन मोहम्मद यूनुस की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी नजर आ रही है.


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बांग्लादेश में हिंदू श्मशान में भी सुरक्षित नहीं
इस्कॉन ने पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया, जिन्हें शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से ‘‘निरंतर यातना’’ का सामना करना पड़ रहा है. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, ‘‘बांग्लादेश में नाटोर के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान में स्थित मंदिर पर हमले के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. कीमती सामान लूट लिया गया और मंदिर के सेवायत तरुण चंद्र दास की बेरहमी से हत्या कर दी गई. उनके हाथ-पैर बंधे हुए मिले. यहां तक ​​कि हिंदू श्मशान भी सुरक्षित नहीं हैं.’’


हाथ पैर बांध की गई हत्या
एक वायरल वीडियो में पुजारी का शव दिखायी दे रहा है, जिसके हाथ-पैर बंधे हुए थे. राधारमण दास के अनुसार, पुजारी को मारने से पहले संभवतः प्रताड़ित किया गया था, क्योंकि उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे. उन्होंने कहा, ‘‘बदमाशों ने मंदिर में लूटपाट भी की.’’ राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेश पुलिस ने इस घटना को डकैती का मामला बताया है.


मंदिरों को लगातार बनाया जा रहा निशाना
'वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू' पेज पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में एक मंदिर दिखाया गया, जहां हिंदू देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया. पोस्ट में आरोप लगाया गया कि जमात के सदस्यों ने बीरगंज उपजिला के झारबारी गांव में एक हिंदू मंदिर पर हमला किया और अंदर की मूर्तियों को तोड़ दिया. बांग्लादेश में घटनाक्रम पर नज़र रखने वाले भिक्षुओं ने पाया कि हिंदुओं को लगातार हमलों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "घरों में तोड़फोड़ की जा रही है, संपत्ति जब्त की जा रही है और मंदिरों पर हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं." इनपुट भाषा से भी