NATO NEWS:  उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में जारी जंग में रूस के बलों को नुकसान हो रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें पटखनी दे दी गई है. नाटो के अधिकारी ने शीतयुद्ध के बाद संगठन की सैन्य योजनाओं में सबसे बड़ा फेरबदल पेश किया है.


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नाटो की सैन्य समिति के प्रमुख रोब बॉयर ने पत्रकारों से कहा कि वे भले ही 11 फुट लंबे नहीं है लेकिन वे निश्चित रूप से दो फुट के नहीं है, लिहाज़ा ‘हमें रूसियों और पलटवार करने की उनकी क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए.’


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके नाटो समकक्ष लिथुआनिया की राजधानी विनियस में अगले हफ्ते होने वाले शिखर सम्मेलन में गठबंधन की योजना प्रणाली में बड़े फेरबदल को लागू करेंगे.


नाटो की नई योजना
नाटो ने परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ सीधे टकराव से बचने की कोशिश की है. नई योजना के तहत नाटो का लक्ष्य 30 दिन के अंदर तीन लाख सैनिकों को अपने पूर्वी हिस्से में जाने के लिए तैयार करना है.


बॉयर ने कहा कि नाटो की नई योजना रूस द्वारा 17 महीने पूर्व यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले से पहले की उसकी सेना की क्षमता पर आधारित है. उन्होंने कहा कि रूस की थलसेना कमज़ोर हुई है, न कि उसकी नौसेना या वायुसेना. उन्होंने कहा कि रूस की 94 फीसदी थलसेना यूक्रेन युद्ध में लगी हुई है.


स्वीडन की नाटो सदस्यता की पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं तुर्किये
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सोमवार को संकेत दिया कि उनका देश उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है. एर्दोआन ने दोहराया कि स्वीडन को अभी और सुधार करने की जरूरत है.


अंकारा में कैबिनेट बैठक के बाद एर्दोआन ने पिछले हफ्ते स्वीडन में विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुरान की प्रति जलाए जाने की घटना की निंदा की और एक बार फिर इस कृत्य को मुसलमानों के खिलाफ घृणा अपराध बताया. एर्दोआन ने कहा, ‘हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादी संगठनों और ‘इस्लामोफोबिया’ के खिलाफ दृढ़ लड़ाई ही हमारा आखिरी मकसद है.’


(इनपुट - भाषा)