वॉशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को पनाह देना बंद नहीं किये जाने तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उसकी सहायता राशि रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है. ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने आतंकवादियों को ‘‘सुरक्षित पनाह’’ दिया और इस दौरान अमेरिका से 33 अरब डॉलर की सहायता राशि ली, बदले में पिछले 15 वर्षों में केवल धोखा दिया है. ट्रंप के बयान का समर्थन करते हुए न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान निक्की ने पाकिस्तान पर कई वर्षों तक ‘‘दोहरा खेल’’ खेलने का आरोप लगया.


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उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन एवं पनाह देना लगातार जारी रखा है इसलिए ट्रंप प्रशासन इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है.’’ निक्की ने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक ही समय में हमारे साथ काम करता है और उसी समय आतंकवादियों को भी पनाह देता है जो अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों पर हमला करते हैं. प्रशासन इस खेल को बर्दाशत नहीं करेगा.’’ अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोकने की घोषणा की है.


शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘सहायता रोकने का फैसला पाकिस्तान के आतंकवादियों को पनाह देने से जुड़ा है.’’ दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इन आरोपों पर ‘‘गहरी निराशा’’ व्यक्त की और कहा कि आरोपों से दोनों देशों के बीच ‘‘विश्वास’’ को तगड़ा झटका लगा है. विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को चुनौती दी कि अमेरिका ने उसे गत 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी है. उन्होंने कहा कि किसी ऑडिट कंपनी से सत्यापन कराने से अमेरिकी राष्ट्रपति गलत साबित होंगे.


अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोकी
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है. व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवाए कुछ ना देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में आतंकवादियों को ‘पनाहगाह’ देने का आरोप लगाया. इसके बाद ही अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की.


एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, 'अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए.' अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा.


(इनपुट एजेंसी से भी)