Non Basmati Rice Export Ban News: दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं जिस पर अमेरिका दवाब ना बनाता हो..लेकिन अब मिजाज बदल रहा है..भारत ने अमेरिकी दबाव की परवाह ना करते हुए नॉन बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और उसका असर दिखाई भी दे रहा है, यूएस के डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर लंबी लंबी लाइन लगी हुई है. एक एक लोग चावल के 10 से अधिक पैकेट खरीद रहे है. 2023- 24 में भारत ने करीब 4.2 मिलियन डॉलर का चावल निर्यात किया था..पूरी दुनिया में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी करीब 25 फीसद है. अगर बात 2021-22 की करें तो निर्यात का आंकड़ा 2.62 मिलियन डॉलर का था. यहां सवाल है कि भारत को इस तरह का फैसला क्यों लेना पड़ा.


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घरेलू मांग में इजाफे का असर


इस समय देश में आने वाले त्योहारों की वजह से गैर बासमती सफेद चावल की मांग बढ़ गई है. घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में इजाफा ना हो इस वजह से निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया गया है. अमेरिका सफेद चावल का बड़ा आयातक है जिसकी पूर्ति भारत करता है. अब भारत के इस फैसले की वजह से अमेरिका में चावल पसंद करने वाले बड़ी संख्या में खरीदारी कर रहे हैं.बता दें कि चालू वित्त वर्ष के पहले क्वॉर्टर में करीब 16 लाख टन चावल का निर्यात किया गया जबकि इससे  पहले इसी अवधि में निर्यात 11 लाख टन था.अगर पिछले साल से तुलना करें तो चावल के निर्यात में 35 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.


बासमती चावल के एक्सपोर्ट में बदलाव नहीं 


खाद्य मंत्रालय का कहना है कि बासमती चावल के साथ सभी तरह के चावल की नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं है. सिर्फ गैर बासमती चावल के निर्यात पर फैसला लिया गया है. भारत के फैसले का जो असर अमेरिकी बाजारों में दिख रहा है वो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. यूएस में एक पैकेट में 9 किलो चावल आता है जिसकी कीमत करीब 27 डॉलर है अगर भारतीय रुपए में इसे बदले तो कीमत 2215 रुपए है. भारत सबसे अधिक गैर बासमती चावल का निर्यात अमेरिका के साथ साथ थाइलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और अमेरिका को करता है.