Sweden Parliament: स्वीडन की संसद ने कानूनी रूप से लिंग परिवर्तन के लिए न्यूनतम आयु 18 से घटाकर 16 वर्ष करने और जेंडर चेंज प्रोसेस को आसान बनाने लिए बुधवार को एक कानून पारित किया. द गार्डियन के अनुसार  349 सीटों वाली संसद में इस कानून के पक्ष में 234 और विपक्ष में 94 वोट पड़े.


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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडिश लोग 1972 से कानूनी रूप से लिंग बदलने का अधिकार रखते हैं, लेकिन इसमें कई साल लग सकते हैं. इसमें जेंडर डिस्फोरिया की गहन जांच और डॉक्टर के डायग्नोसिस की जरुरत होती है.


क्या बदलाव लाएगा नया कानून?
नया कानून अगले साल से लागू होगा इसके तहत नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ और वेलफेयर से अप्रूवल के साथ-साथ डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक के साथ एक छोटा कंसलटेशन काफी होगा.


रिपोर्ट के मुताबिक नया कानून जेंडर चेंज सर्जरी जैसी मेडिकल प्रक्रियाओं से लीगल जेंडर चेंज प्रोसेस को अलग कर देगा.


स्वीडन में नए कानून पर छिड़ी बड़ी बहस
विधेयक के समर्थकों का कहना है कि यह मौजूदा कानून का आधुनिकीकरण है जो स्वीडन को नॉर्डिक पड़ोसियों और कई अन्य यूरोपीय देशों के करीब लाएगा, जिनके पास पहले से ही लोगों के लिए उनके कानूनी लिंग का निर्धारण करने की व्यवस्था है.


रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि यह बिल अलोकप्रिय है, खासकर दक्षिणपंथी मतदाताओं के बीच. TV4 द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वे के अनुसार, 59% स्वीडिश लोगों का कहना है कि यह एक बुरा या बहुत बुरा प्रस्ताव है, जबकि 22% सोचते हैं कि यह एक अच्छा प्रस्ताव है.


धुर दक्षिणपंथी स्वीडन डेमोक्रेट्स की कैरिटा बौलवेन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह एक निंदनीय प्रस्ताव है, जिसके अप्रत्याशित और गंभीर परिणाम होने का खतरा है. न केवल व्यक्ति के लिए, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए.’