UK Politics: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार (15 नवंबर) को कहा कि न्यायपालिका द्वारा अप्रवासियों को निर्वासित करने की उनकी योजना को गैरकानूनी घोषित करने के बाद वह रवांडा को शरण चाहने वालों के लिए एक सुरक्षित देश घोषित करने के लिए आपातकालीन कानून लाएंगे.  उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "स्वीकार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं", लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह इससे सहमत नहीं हैं और इससे बचने का कोई रास्ता खोजेंगे.


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बता दें लंदन स्थित सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि शरण के लिए शरणार्थियों के आवेदन पर कार्रवाई के दौरान उन्हें रवांडा निर्वासित करने की ब्रिटिश सरकार की नीति गैरकानूनी है. देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अपीलीय अदालत के इस फैसले से सहमति जताई कि इस बात को मानने के पर्याप्त आधार हैं कि रवांडा निर्वासित किए गए लोगों को रवांडा की सरकार द्वारा बाद में उन जगहों पर भेजा जा सकता है जहां वे सुरक्षित नहीं रह पाएंगे।


'मेरी सहनशक्ति खत्म हो गई है'
सुनक कंजर्वेटिव पार्टी के डिप्टी चेयरमैन ली एंडरसन के उन सुझावों से भी सहमत नहीं थे, जिनमें यूके सरकार से अदालत के फैसले को नजरअंदाज करने और किसी भी तरह से उड़ानों को उड़ान भरने की अनुमति देने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि लोग 'इसे पूरा करने के प्रयासों को बार-बार मिलने वाली चुनौतियों से निराश हैं.' सुनक ने कहा, 'मेरी सहन शक्ति खत्म हो गई, वास्तव में मुझे लगता है कि देश का धैर्य ख़त्म हो गया है.' उन्होंने दावा किया कि उन्हें लगता है कि अगले साल के वसंत तक रवांडा के लिए विमान चल सकते हैं.


बता दें सुनक को टोरी सांसदों के एक गुट के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो उनसे अदालत के फैसले को दरकिनार करने के लिए कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं.


ब्रिटिश पीएम ने कहा, 'मैं आसान रास्ता नहीं अपनाऊंगा'
पीएम सुनक ने आगे कहा कि वह रवांडा के साथ एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि पर काम कर रहे है जो यह सुनिश्चित करने में 'कानूनी गारंटी' प्रदान करेगी कि यूके से निर्वासित लोगों को उनके गृह देश में वापस नहीं भेजा जाएगा.


'अप्रवासियों को निर्वासित करने की योजना जारी रखेंगे'
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनक ने जोर देकर कहा कि अगर रवांडा जाने वाली उड़ानों को रोकने का कोई प्रयास किया गया तो वह मानवाधिकार पर यूरोपीय कन्वेंशन की अवहेलना करने के लिए तैयार हैं।


पीएम ने कहा, ‘हमें इस तथ्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए कि एक बार संसद ने यहां घरेलू कानून में बदलाव कर दिया है, फिर भी हमें स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.’


सुनक ने कहा,  'मैं किसी विदेशी अदालत को इन उड़ानों पर रोक लगाने की अनुमति नहीं दूंगा। अगर स्ट्रासबर्ग कोर्ट संसद की स्पष्ट इच्छा के खिलाफ हस्तक्षेप करना चुनता है तो मैं उड़ानें को भेजने के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करने के लिए तैयार हूं.'


Photo Credit: FB/Rishi Sunak