India Canada Row latest Justin Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत के खिलाफ अपने बयान के बाद विवादों में हैं. ट्रूडो की बयानबाजी से भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध (India Canada Diplomatic Row) एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि भारत से संबंध खराब करना किसी भी तरह से कनाडा के हित में नहीं है, इसकी वजह बताने से पहले आपको यह भी बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब टूडो विवादों में फंसे हैं. ऐसे में आज जानिए जेस्टिन ट्रूडो की जिंदगी से जुड़े कुछ बड़े विवादों के बारे में.


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ट्रूडो का सियासी सफर और विवाद


टूडो का सियासी सफर 2008 में तब शुरू हुआ. उन्होंने पहली बार पापिन्यू सीट से लिबरल पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता और संसद पहुंचे. इस जीत के बाद ट्रूडो को अप्रैल 2013 में लिबरल पार्टी का नेता चुन लिया गया. 4 नवंबर 2015 में उन्होंने कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. 43 साल की उम्र में ट्रूडो ने जब ये जिम्मेदारी संभाली तो वो देश के यूथ आइकॉन बन चुके थे.



आगे वो 2011, 2015, 2019 और 2021 में वह लगातार चुनाव जीतने के साथ कनाडा की सियासत का सबसे बड़ा चेहरा बन गए. लेकिन कहते हैं कि जब सत्ता का नशा छाता है तो अच्छे-अच्छों का विवेक डगमगा जाता है. ये बात इसलिए क्योंकि अब ट्रूडो से जुड़े जिन विवादों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उन्हें जानकर आपका दिमाग भी हिल जाएगा.


जब इन बड़े विवादों में घिरे ट्रूडो


जब महिला सांसद से टच हुई थी ट्रूडो की कोहनी : न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना 'एल्बोगेट' (ElbowGate) के नाम से मशहूर हुई थी. 2016 के मई महीने में कनाडाई संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में एक वक्त जस्टिन ट्रूडो को लगा कि विपक्षी सांसद कामकाज रोकने की रणनीति अपना रहे हैं, इसलिए वो एक सांसद को रोकने के लिए तेजी से बढ़ रहे थे उसी दौरान गलती से उनकी कोहनी एक महिला सांसद की छाती से टच हो गई. इस घटना के लिए उन्होंने बार-बार माफी मांगते हुए कहा, 'मैं भी इंसान हूं, और बहुत दबाव में रहने वाला काम मेरे जिम्मे है, इसलिए गलती हो गई. मैं आश्वस्त करता हूं कि ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं होगी.'



माराजुआना पर लगा बैन हटाया : साल 2018 में टूडो सरकार ने कैनाबिस एक्ट के तहत मरिजुआना पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था. इस फैसले की भी जमकर आलोचना हुई थी. 


दोषी को बुलाया :  फरवरी 2018 में ट्रूडो अपनी फैमिली के साथ भारत दौरे पर आए थे. इसी यात्रा के दौरान नई दिल्ली में ट्रूडो के स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में जसपाल अटवाल को आमंत्रित किया गया था, जो 1986 में कनाडा यात्रा पर गए भारतीय राजनेता की हत्या के प्रयास का दोषी करार दिया गया था. इस निमंत्रण को लेकर भी कनाडाई शिष्टमंडल को कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ा था.


महिला पर कटाक्ष : कनाडा में हाशिये पर पहुंच चुके गरीब लोगों की मदद को प्राथमिकता बताने वाले ट्रूडो को 2019 के मार्च माह में एक मूल निवासी पर कटाक्ष करने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी. दरअसल, लिबरल पार्टी के फंडरेज़िंग कार्यक्रम में जहां गरीबी और खराब परिस्थितियों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी, उस आयोजन से एक महिला के बाहर निकलते समय ट्रूडो ने कटाक्ष करते हुए कमेंट किया था, 'आपके दान का शुक्रिया...'



पद के दुरुपयोग का आरोप : कनाडा के इन्डिपेन्डेन्ट एथिक्स कमिश्नर ऑफिस ने 2019 में दावा किया था कि ट्रूडो की टीम ने नैतिकता के नियमों का उल्लंघन किया है. वॉचडॉग के मुताबिक, PM और उनके अधिकरियों ने 2018 में संघीय अभियोजकों के उस फैसले को नकारने की कोशिश की थी, जिसमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी SNC-Lavalin Group Inc के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया था. ट्रूडो ने उस वक्त इस आरोप पर माफी मांगने से ये कहते हुए इंकार कर दिया था कि वो रोजगार को बचा रहे थे.


इसके अलावा भी कई विवादों में उनका नाम आ चुका है.