Nobel Prize Invitation: डिनर में रूस बेलारूस ईरान को बुलाने पर मचा बवाल, मजबूरी में काटी कन्नी; हैरान कर देगा मामला
World News: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) के बीच एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर रूस-बेलारूस और ईरान को असहज कर देने वाली स्थिति का सामना करना पड़ा है. मामला नोबल प्राइज देने वाली एक कमेटी से जुड़ा है. जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है.
Russia Belarus Iran invitation withdrawn: नोबेल फाउंडेशन ने स्टॉकहोम में इस साल के नोबल पुरस्कार समारोह में रूस, बेलारूस और ईरान को आमंत्रित करने के अपने बहुचर्चित फैसले को वैश्विक आलोचना होने के बाद पलट दिया है. फाउंडेशन ने कहा, 'हम स्वीडन के साथ दुनिया के एक बड़े हिस्से में मिली प्रतिक्रिया को पहचानते हैं. ऐसे में हम रूस, बेलारूस और ईरान को इस बार भी अपने डिनर का न्योता नहीं देंगे.' आपको बताते चलें कि बीते साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस और उसके करीबी सहयोगी बेलारूस को नोबल प्राइज सेरिमनी में आमंत्रित नहीं किया गया था, वहीं ईरान में महिलाओं के दमन और मानवाधिकारों के उत्पीड़न की रिकॉर्ड घटनाओं के कारण बाहर रखा गया था.
पहले कहा था बंटती हुई दुनिया को साथ लाने की कोशिश
आपको बताते चलें कि नोबेल फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक विडार हेल्गेसन ने इन देशों को वापस आमंत्रित करने के फैसले के बारे में बताते हुए कहा था कि ये स्पष्ट है कि दुनिया तेजी से बंट रही है, जहां अलग अलग विचारों वाले लोगों के बीच बातचीत कम हो रही है. इस समस्या का सामना करने के लिए, इसे समझने के लिए अब हम नोबेल पुरस्कार और मुक्त विज्ञान, मुक्त संस्कृति और मुक्त शांतिपूर्ण समाजों के महत्व का जश्न मनाने के लिए अपने निमंत्रण का विस्तार कर रहे हैं.
यह फैसला 'मानवतावाद की जीत'
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन समेत कई देशों ने इस साल इन देशों को नोबल कमेटी का न्योता भेजने यानी बुलाने के फैसले की जमकर आलोचना की थी. वहीं अब कमेटी के यू टर्न को यूक्रेन ने 'मानवतावाद की जीत' बताया है.
फाउंडेशन की आलोचना
इससे पहले स्वीडिश लिबरल पार्टी के नेता कैरिन कार्ल्सब्रो ने रूस को एक भव्य पार्टी में आमंत्रित करने के लिए हरी झंडी देने के फैसले को गलत मिसाल बताया था. उन्होंने कहा रूस की मिसाइलें यूक्रेनी सांस्कृतिक केंद्रों पर गिरती हैं और बच्चों की हत्या करती हैं. स्वीडिश रेडियो से बात करते हुए, उन्होंने रूस, बेलारूस और ईरान को बेरहम देश बताया था जो अपने नागरिकों पर अत्याचार करते हैं, पड़ोसी देशों के खिलाफ युद्ध और आतंक छेड़ते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन नहीं करते हैं.
नोबल फाउंडेशन का बयान
हालांकि नोबेल फाउंडेशन ने अपने पहले के फैसले का बचाव करते हुए कहा, 'नोबेल पुरस्कार जिन मूल्यों और संदेशों के लिए जाना जाता है, उन्हें यथासंभव व्यापक रूप से पूरी दुनिया में पहुंचाना महत्वपूर्ण और सही है. उदाहरण के लिए, पिछले साल हमने इन देशों को न बुलाकर एक स्पष्ट संदेश दिया था. इस बार अगर इन देशों से कोई आता तो वह देखता कि शांति पुरस्कार की क्या अहमियत है... हम ये दिखाना चाहते थे कि रूस और बेलारूस के मानवाधिकार सेनानियों और यूक्रेन के लोगों की बड़ी अहमियत है. लेकिन स्वीडन की प्रतिक्रिया के बाद हम पिछले साल के अपवाद को दोहराने का विकल्प चुनते हैं. नोबेल पुरस्कार पुरस्कार समारोह के डिनर में इस बार भी रूस, बेलारूस और ईरान के राजदूतों को आमंत्रण नहीं किया जाएगा.'
क्या होता है नोबेल पुरस्कार?
इस पुरस्कार की शुरुआत नोबेल फाउंडेशन ने साल 1901 में की थी. ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. इस दौरान उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपने किसी योगदान से मानव जाति को सबसे बड़ा फायदा पहुंचाया हो. ये पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सर्वोच्च पुरस्कार है. जहां हर विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा और मोनेटरी अवार्ड दिया जाता है.
नोबल प्राइज इनामी राशि और 10 दिसंबर
इन पुरस्कारों के लिए फंड की स्थापना करने वाले अल्फ्रेड नोबेल की डेथ एनिवर्सरी 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में एक भव्य आयोजन किया जाता है. इस दौरान स्वीडन के राजा चिकित्सा, भौतिकी, साहित्य और अर्थशास्त्र सहित क्षेत्रों में पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करते हैं. प्राइज के रूप में हर अवार्डी को करीब 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर यानी करीब 9 लाख डॉलर या अगर रुपयों में देखें तो ये करीब 7 करोड़ 35 लाख रुपये होगा. स्वीडन के बैंक में जमा राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन की ओर से हर साल शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार दिया जाता है.
कौन नामांकित कर सकता है?
दुनिया भर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं. इनमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और स्वयं समिति के सदस्य शामिल हैं.
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?
अल्फ्रेड नोबेल महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने करीब 355 आविष्कार किए. डायनामाइट का आविष्कार सबसे मशहूर था. दिसंबर 1896 में मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित कर दिया था. उनकी इच्छा थी कि इस फंड के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी साबित हो.