OSLO: गे बार में हुई शूटिंग, कट्टरपंथी इस्लामिक शख्स पर आरोप; 7 साल से थी पुलिस की इस पर नजर
Oslo: नॉर्वे के ओस्लो में गे बार में हुए हमले की जांच जारी है. इस हमले में अब इस्लामी आतंकवाद का एंगल सामने आया है. फिलहाल अदालत ने सोमवार को ईरानी मूल के नॉर्वे के नागरिक ज़ानियार मातापुर को इस हमले में संदिग्ध के रूप में नामित किया है. आरोपी कई साल से इस्लामी कट्टरपंथियों से जुड़ा हुआ है.
Norway Shooting Suspect: नॉर्वे की एक अदालत ने सोमवार को ईरानी मूल के नॉर्वे के नागरिक ज़ानियार मातापुर को ओस्लो में एक समलैंगिक बार में हुए जानलेवा हमले में संदिग्ध के रूप में नामित किया है. इस फायरिंग में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 21 लोग घायल हुए थे. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी एक व्यक्ति को संदिग्ध बताया गया है. यह शख्स मानसिक बीमारी से पीड़ित है और एक कट्टरपंथी इस्लामवादी है. बता दें कि यह हमला शनिवार (25 जून) को तब हुआ था, जब शहर अपनी वार्षिक गौरव परेड मनाने वाला था. आरोपी मातापुर की कैद की प्रारंभिक शर्तें एक जिला अदालत द्वारा तय की जाएंगी और उस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में उसे एक सायकैट्रिक इवैल्यूएशन (मनोरोग मूल्यांकन) से गुजरना होगा.
इस्लामी कट्टरपंथियों के नेटवर्क का सदस्य
इस हमले के अलावा मातापुर पर हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप भी लगाया गया है. नॉर्वे की घरेलू ख़ुफ़िया सेवा पीएसटी के मुताबिक, यह हमला इस्लामी आतंकवाद का काम लग माना जा रहा है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, मातापुर नॉर्वे में इस्लामी कट्टरपंथियों के एक नेटवर्क का सदस्य था और 2015 से उन्हें जानता था.
एजेंसी लगातार रख रही थी उस पर नजर
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएसटी के प्रमुख रोजर बर्ग ने कहा कि, "एजेंसी 2015 के बाद से उसके कट्टरपंथ के बारे में चिंताओं और इस्लामी चरमपंथी नेटवर्क की सदस्यता पर नजर रख रही थी. पिछले महीने खुफिया सेवाओं द्वारा संदिग्ध से पूछताछ भी की गई थी, लेकिन उस समय उन्हें विश्वास नहीं था कि वह हिंसक हमले कर सकता है."
संदिग्ध का रहा है हिंसा का लंबा इतिहास
बर्ग के अनुसार, "संदिग्ध का हिंसा और धमकियों का एक लंबा इतिहास रहा है. पीएसटी भी संदिग्ध के मानसिक स्वास्थ्य के साथ कठिनाइयों के बारे में जानता था. संदिग्ध के वकील जॉन क्रिश्चियन एल्डन ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि हमले के उद्देश्यों या कारणों का अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं था.
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