मिशन दिव्यास्त्र: अग्नि-5 MIRV मिसाइल की जद में पूरा चीन, भारतीय दूतावास के एक पोस्ट ने उड़ा दी बीजिंग की नींद
Mission Divyastra News: मिशन दिव्यास्त्र के तहत, भारत ने MIRV तकनीक से लैस अग्नि-5 मिसाइल का सफल फ्लाइट टेस्ट किया. चीन में मौजूद भारतीय दूतावास ने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट से बीजिंग की नींद उड़ा दी.
Agni-5 Missile Range: MIRV तकनीक से लैस अग्नि-5 मिसाइल के फ्लाइट टेस्ट ने चीन की नींद उड़ा दी है. भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास यह तकनीक है. 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत अग्नि-5 मिसाइल के फ्लाइट टेस्ट की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की इस उपलब्धि पर देश गर्व महसूस कर रहा है तो दुश्मन खौफजदा हैं. खासतौर से चीन-पाकिस्तान. सोमवार शाम, PM मोदी ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट में DRDO के वैज्ञानिकों को सराहा. उसी पोस्ट को कोट करते हुए चीन में भारतीय दूतावास ने बस एक शब्द लिखा - दिव्यास्त्र. वह पोस्ट अब वायरल हो गई है. भारतीय यूजर्स ने कहा कि दूतावास की इतनी सी पोस्ट चीन को संदेश है कि बचकर रहना! दरअसल अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5,000 किलोमीटर से ज्यादा है. यानी चीन उसकी जद में है.
MIRV यानी मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री वीइकल. इस तकनीक के जरिए एक ही मिसाइल से कई न्यूक्लियर वारहेड दागे जा सकते हैं. हर वारहेड को अलग-अलग रफ्तार पर अलग-अलग दिशाओं में जाने के लिए प्रोग्राम कर सकते हैं. यानी MIRV तकनीक से लैस अग्नि-5 मिसाइल एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर मौजूद टारगेट्स को भी हिट कर सकती है.
अग्नि-5 मिसाइल: एक पोस्ट ने मचा दी खलबली
चीन में भारतीय दूतावास ने अपने ऑफिशियल X हैंडल @EOIBeijing पर सोमवार शाम 7.08 बजे पोस्ट किया था. कमेंट्स में तमाम यूजर्स इसे 'चीन को भारत का संदेश' बताने लगे. एक यूजर ने लिखा कि 'बीजिंग, मास्को, इस्तांबुल... सब अब रडार पर हैं.' दूसरे यूजर ने लिखा कि 'आखिरकार अब भारत उस भाषा में जवाब दे रहा है जो चीन को समझ आती है.'
टेस्ट पर थी चीन की नजर
अग्नि-5 के जरिए लगभग पूरे चीन को निशाना बनाया जा सकता है. MIRV से लैस अग्नि-5 के फ्लाइट टेस्ट से कुछ हफ्तों पहले, चीन ने एक रिसर्च जहाज को भारतीय तटों के पास भेजा था. बीजिंग ने ऐसा इसलिए किया ताकि वह ओडिशा तट के डॉ. अब्दुल कलाम आइलैंड पर हो रहे टेस्ट पर नजर रख सके. अभी तक चीन के अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस और यूके के पास ही MIRV तकनीक से लैस मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है.
भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्ट की संभावना के बारे में सचेत किया था. किसी मिसाइल या रॉकेट के टेस्ट से पहले पड़ोसियों को नोटम - नोटिस टू एयर मिशन जारी करना अनिवार्य है. संभव है कि चीन के 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल टेस्ट को देखा हो. हालांकि चीन कहता है कि ये जहाज केवल रिसर्च के लिए हैं लेकिन भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों को भी इस दावे पर यकीन नहीं.