Pakistan News: ड्रैगन के कब्जे में जाने वाला है 'जिन्नालैंड'! कुछ दिनों में PLA के बूटों से गूंजेगा PAK; क्यों नतमस्तक हो गए मुनीर
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Pakistan News: ड्रैगन के कब्जे में जाने वाला है 'जिन्नालैंड'! कुछ दिनों में PLA के बूटों से गूंजेगा PAK; क्यों नतमस्तक हो गए मुनीर

Pakistan News in Hindi: मुसलमानों के ख्वाबों का मुल्क यानी पाकिस्तान अब चीन के कब्जे में जाने वाला है. जल्द ही जिन्नालैंड में PLA के बूटों की गूंज शुरू हो सकती है. जनरल मुनीर इसके लिए राजी हो गए हैं.

Pakistan News: ड्रैगन के कब्जे में जाने वाला है 'जिन्नालैंड'! कुछ दिनों में PLA के बूटों से गूंजेगा PAK; क्यों नतमस्तक हो गए मुनीर

PLA deployment in Pakistan News: हमारा पड़ोसी मुल्क जो सुबह से लेकर शाम तक टेरर प्लान बनाता है. अब पाकिस्तान की हुकमत और वहां की आवाम को इसकी सबसे बड़ी कीमत चुकानी होगी. दरअसल पाकिस्तान पर कर्जों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां दुनिया आर्थिक तरक्की कर रही है तो दूसरी तरफ मजहब और दहशत का दूसरा नाम बन चुका पाकिस्तान कर्ज की दलदल में फंसता जा रहा है. अब पाकिस्तान को इस दलदल से निकालने का लालच दिया है. ड्रैगन यानी चीन ने इसके बदले चीन ने जो शर्त रखी हैं. उससे तय होगा गया है कि अब पाकिस्तान एक बार फिर गुलामी की तरफ बढ़ रहा है.

पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज बढ़कर 72 ट्रिलियन रुपये हुआ

72 के पीछे लगे शून्य को गिनने में पाकिस्तान के बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों के भी पसीने छूट जाएंगे क्योंकि यही वो आंकड़ा है. जो पाकिस्तान के लिए सबसे ताजा चुनौती है. पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज करीब 72 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये है. 

जिन्ना के सपनों का पाकिस्तान अब कर्ज के ऐसे दलदल में फंसा है. जिससे निकलना उसके लिए नामुमकिन सा हो गया है. IMF के मदद की मियाद पूरी हो चुकी है. वहीं दूसरे देशों ने हाथ खड़ा कर दिया है. नतीजा....पाकिस्तान गुरबत की गली के डेड एंड पर पहुंच चुका है.

अवाम पर अब होने जा रहा है डबल अटैक!

पाकिस्तान सरकार पर कर्जे का जो ताजा आकंड़ा सामने आया है. वो हैरान करने वाला है. पहले से महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान की आवाम पर अब दोहरा अटैक हुआ है. पाकिस्तान की जो आवाम अब तक आटा-दाल जैसी मामूली चीजों के लिए बड़ी कीमत अदा कर रही थी. उसपर अब डबल अटैक की तैयारी है. 

कर्ज के दल दल से पाकिस्तान को निकालने के लिए ड्रैगन सामने आया है. लेकिन बदले में जिंगपिंग की डिमांड ही पाकिस्तान की आवाम के लिए सबसे बडा संकट लेकर आ रही है. जिन्नालैंड को इस बात का अंदाजा तक नहीं है. हम आपको पाकिस्तान की बदहाली की पूरी रिपोर्ट बताएंगे. उससे पहले आप जानिए कि चीन किस तरह पाकिस्तान का इस्तेमाल करने का प्लान तैयार कर रहा है. 

बागियों से निपटने के नाम पर PLA तैनात करने की तैयारी

चीन ने पहले कर्ज देकर पाकिस्तान की इकोनॉमी को धवस्त किया और फिर कर्ज देने के लिए पाकिस्तान की जमीन पर कब्जा किया. इसके बाद पाकिस्तान के खैबर और बलूचिस्तान में कंपनियां लगाईं. जिसका वहां के स्थानीय लोग, BLA और तहरीक-ए-लब्बैक लगातार विरोध कर रहे हैं. कई आतंकी संगठन लगातार चीन के कर्मचारियों को निशाना भी बना रहा है. अब इसे ही आधार बनाकर चीन की रेड आर्मी को जिन्नालैंड में तैनात करने की तैयारी शुरू हो गई है. 

चीन और पाकिस्तान के बीच हुए इस ताजा डील के बाद बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लोगों का आक्रोश और बढ़ सकता है. एक तरफ पाकिस्तान ड्रैगन के आगे नतमस्तक है. वहीं शहबाज की आवाम भारत की तारीफ में कसीदे पढ़ रही है. पाकिस्तानियों का कहना है, चीन को ये समझ आ गया है कि भारत पर प्रेशर नहीं बना सकते. चीन ने लद्दाख में फौज चढ़ाई, भारत ने भी अपनी फौज भेज दी. चीन को समझ आ गया, अब भारत बहुत ताकतवर हो गया है. चीन समझ गया कि अब भारत के साथ रहने होगा. वह इस बात को समझ गया है कि भारत पीछे-पीछे आ रहा है, कुछ दिन में आगे बढ़ जाएगा.

पाकिस्तानियों को अब झेलने पड़ेंगे डबल अत्याचार

एक तरफ पाकिस्तान की आवाम की नाराजगी है. वहीं बलूचिस्तान में इस खबर के बाद से लोगों का आक्रोश चरम पर है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी बीते कई महीनों से लगातार ड्रैगन के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन भी चला रही है.

अब अपनी जमीन पर ड्रैगन की रेड आर्मी को उतारना पाकिस्तान की जरूरत नहीं मजबूरी बन गया है. असल में पाकिस्तान के प्रत्येक नागरिक पर बकाया औसत कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार पाकिस्तानी रुपया हो गया है. जबकि कुल बकाया कर्ज 8.36 ट्रिलियन रुपए तक बढ़कर 71.24 ट्रिलियन रुपए हो गया है. पिछले साल पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय कर्ज 62.88 ट्रिलियन रुपए था. जो पाकिस्तान पर मौजूदा कर्ज देश के GDP का 67.2 फीसदी से अधिक है.

आने वाले कुछ दिनों अब जिन्नालैंड की सरजमीं पर जिनपिंग की सेना चहलकदमी करेगी. इसके बाद पाकिस्तान की आवाम को केवल मुनीर की सेना की ही नहीं बल्कि रेड आर्मी के भी अत्याचार का सामना करना पड़ेगा.

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