सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में बुशरा बीबी की सियासी एंट्री होने जा रही है. पाकिस्तानी राजनीति में 'जादुई खेल' शुरू होने की सुगबुगाहट है. सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान में इमरान खान की सत्ता में वापसी काला जादू की मदद से होगी? ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि शौहर इमरान खान के समर्थन और वजीर ए आजम शहबाज शरीफ़ की खिलाफत में बुशरा ने आंदोलन का ऐलान करते हुए लोगों से एकजुट होने की अपील की है. बुशरा बीबी की अपील ने पाकिस्तान मे सियासी भूचाल ला दिया है. कहा जा रहा है कि इसी के साथ  इस्लामाबाद में एक और तख्तापलट का 'जादुई खेल' शुरू हो गया है. यानी ना कोई हिंसा ना कोई भाषण होगा और ना ही बहसबाजी. बस 'मायावी'जाल में पूरा पाकिस्तान फंसने जा रहा है.


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आजादी के बाद से ही पाकिस्तान की ये नियति रही है कि आज तक कोई भी सरकार अपने 5 साल की कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है.पाकिस्तान में राजनीति पार्टियों में सत्ता की भूख इस कदर है कि कभी सेना की दादागिरी तो कभी साजिश के बलबूते सत्ता हथियाने की नापाक साजिश चलती रहती है. पाकिस्तान की कथित सबसे बड़ी जादूगरनी बुशरा बीबी की अब सियासत में एंट्री हो रही है.पाकिस्तान की राजनीति में अब जादुई खेल शुरू होने जा रहा है.


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पाकिस्तान में एक बार फिर तानाशाही की एक नई इबादत लिखी जा रही है.एक बार फिर तख्तापलट की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सरकार के निशाने पर इमरान खान हैं. तो दूसरी ओर खान की पार्टी PTI अब शहबाज सरकार से हिसाब किताब बराबर करने के लिए आर पार की लड़ाई में जुट गई है. इसके लिए 24 नवंबर की तारीख मुकर्रर कर दी गई है. यानी पाकिस्तान में अगले 48 घंटे बाद कुछ बड़ा होने वाला है.जिसकी तकरीर खुद इमरान की पत्नी बुशरा बीवी ने की.


बुशरा बीबी ने एक मंच पर कहा, 'मैं आपको खान साहब का एक पैगाम देने के लिए आई हूं. पूरे पाकिस्तान के अवाम से अपील की है कि 24 नवंबर को पाकिस्तान का बच्चा बच्चा आंदोलन का हिस्सा बने. हर तबके के लोगों को आगे आना है. छात्रों और शिक्षकों से भी मेरी यही अपील है.'

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बुशरा बीबी अब खुलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इसके लिए पूरे पाकिस्तान की अवाम को साथ आने की बात कही है. इतना ही नहीं बल्कि जज और वकीलों से भी आंदोलन से जुड़ने की बात कही है. ताकि इमरान की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके. 


आगे उन्होंने कहा, 'ये हमारा मुकद्दर है. आज मैं कानून की हिफाजत के लिए जेल में हूं तो आप लोगों का फर्ज है कि आप इस आंदोलन का हिस्सा बने. सब वकील की ड्रेस पहन कर आएं, आंदोलन  को लीड करें और इस्लामाबाद पहुंचे.


शहबाज की कुर्सी को खतरा!


शहबाज के खिलाफ ये बुशरा बीबी ने आंदोलन की बात कह दी है.क्या फिर एक बार पाकिस्तान में सत्ता बदलेगी. लेकिन सवाल है कि आखिर क्यों एक बार फिर पाकिस्तान में सियासी घमासान शुरू हुआ है. दरअसल,  पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक मामले में जेल से रिहा होते ही दूसरे मामले में फिर से तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया. इससे भड़की इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने बवाल कर दिया है.


इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को इमरान खान को तोशाखाना से जुड़े दूसरे मामले में जमानत दे दी थी.जिसके बाद उनकी रिहाई की उम्मीदें बढ़ गई थीं.ये मामला महंगे बुलगारी. आभूषण सेट को बहुत कम कीमत पर खरीदने से जुड़ा हुआ है. हाई कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद ही रावलपिंडी पुलिस ने न्यू टाउन पुलिस स्टेशन में आतंकवाद और अन्य आरोपों पर दर्ज मामले के सिलसिले में देर रात खान को गिरफ्तार कर लिया.पुलिस ने आरोप लगाया कि खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में कैद के दौरान 28 सितंबर को रावलपिंडी में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.


24 नवंबर को पड़ेगी तख्तापलट की नींव?


जिसके बाद से ही इमरान के समर्थन भड़क गए और 24 नवंबर को आंदोलन का ऐलान कर दिया. वहीं पाकिस्तान के सोशल मीडिया में ऐसी भी खबर सामने आई की इमरान खान ने आंदोलन को वापस ले लिया है. लेकिन खुद बुशरा बीवी ने इस खबर को झूठा करार दिया है. बुशरा ने कहा, 'बहुत सी चीजें हो रही है कि खान तारीख बदल दें. लेकिन ऐसा नहीं है तारीख चेंज नहीं होगी. तारीख चेंज सिर्फ एक शर्त पर होगी. जब वो जेस से बाहर आएं और खुद अपनी जुबान से अवाम को ये बात कहें. इसके अलावा किसी कीमत पर 24 तारीख चेंज नहीं होगी. खान से खास पैगाम भेजा है कभी भी 24 नवंबर की तारीख चेंज नहीं होगी.


यानी पाकिस्तान में एक बार फिर तलवारें खींच गई है. शहबाज सरकार और इमरान समर्थक आमने सामने हैं. क्या ये पाकिस्तान में तख्तापलट की एक और साजिश है? ये बड़ा सवाल है. वहीं इमरान खान को भी ऐसी ही साजिश के तहत उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. और फिर चुनाव से ठीक पहले उनके पार्टी को बैन कर उन्हें जेल में डाल दिया गया.


उस वक्त भी इमरान समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था. कई जगहों पर आगजनी की गई.लेकिन इस बार का मामला बेहद ही अलग नजर आ रहा है. क्योंकि इस बार खुद इमरान की पत्नी बुशरा बीबी ने भी समर्थकों से अपील कर इस्लामाबाद में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.


साफ है कि पाकिस्तान में इमरान समर्थन भारी संख्या में 24 तारीख को जुटने वाला है और एक तरफ सरकार हो तो दूसरी तरफ इमरान समर्थक.और फिर एक बार तख्तापलट की साजिश हो सकती है.


पाकिस्तान के अतिस्व में आने के बाद से ही वहां लोकतंत्र केवल दिखावे भर का ही रहा है. एक तरह से कहा जाए तो सेना सरकार के माध्यम से जनता पर कंट्रोल करती है. यही वजह है कि जो भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री सेना के खिलाफ गया, उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. अब ये देखना दिलचस्प होगा की पाकिस्तान में 24 नवंबर को होने वाले आंदोलन का कितना असर होता है.