Shahbaz Sharif: दुनिया के किसी भी मंच पर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष की हैसियत को मापने का एक मीटर होता है. इसे कहते हैं ग्रुप फोटोग्राफ. आज हम आपको एक तस्वीर दिखाने जा रहे हैं जिसमें हमारे पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ढूंढना मुश्किल हो रहा है. इस तस्वीर में पाकिस्तान के पीएम भी मौजूद तो हैं हालांकि उन्हें ढूंढने के लिये पाकिस्तानियों को भी दूरबीन का सहारा लेना पड़ा. असल में सऊदी अरब में एक समिट हुई, जिसमें पाकिस्तानी पीएम को पीछे की लाइन में खड़ा कर दिया गया. जबकि कहा यह भी जा रहा है कि अगर पीएम मोदी यहां तो वो क्राउन प्रिंस के बराबर में नजर आते.


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सऊदी अरब के रियाद में फिलीस्तीन को लेकर एक अरब इस्लामिक समिट हुआ. इसमें इस्लामिक देशों के टॉप लीडर शामिल हुए. शहबाज शरीफ भी समिट में हिस्सा लेने के लिये सज-धज कर रियाद पहुंचे, लेकिन जब समिट की फोटो आई तो पाकिस्तान की हैसियत दिख गई. इस समिट में 50 से ज्यादा देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया और साथ में तस्वीर भी खिंचवाई लेकिन शहबाज शरीफ को एक मुस्लिम देश में हो रही वर्ल्ड लेवल की कॉन्फ्रेंस में किनारे लगा दिया गया और ये देखकर पाकिस्तानियों से सीने पर सांप लोटने लगा.


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न्यूक्लियर पॉवर होने का है घमंड?


इस तस्वीर में सामने सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ महत्वपूर्ण देशों लीडर हैं और पीछे की लाइन में पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आजम खड़े दिखाई दिये. बड़ी मुश्किल से उनका चेहरा दिख रहा था. तस्वीर में ऐसा लग रहा है मानो शहबाज अपना चेहरा दिखाने के लिये किसी तरह अपने सामने खड़े लीडर के बगल से झांक रहे हैं. पाकिस्तानियों ने सोचा कि अरब इस्लामिक समिट है इसलिए अरब देशों को आगे खड़ा किया. पर सच्चाई ये है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पहली लाइन में हैं, तुर्किए के राष्ट्रपति उनके साथ खड़े हैं और यहां तक कि सेंट्रल एशिया के लीडर भी शहबाज से बेहतर पोजिशन में खड़े हुए हैं लेकिन पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को पीछे की लाइन में जगह मिली. जबकि पाकिस्तानियों को ये कंफ्यूजन है कि उनके पास न्यूक्लियर पावर है और दुनिया के किसी मुस्लिम देश के पास परमाणु हथियार नहीं है. हालांकि इसके बावजूद शहबाज की तस्वीर ने पाकिस्तान की दुनिया में गिरती हैसियत को दिखा दिया है.



पाकिस्तान में इन तस्वीरों की तुलना पीएम मोदी की मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ की तस्वीरों से हो रही है. सऊदी अरब में पाकिस्तान की हालत की वजह समझिये
हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को अपने मुल्क से भिखारी भेजने पर रोक लगाने के लिये कहा था.
 पिछले साल जब पाकिस्तान ने सऊदी अरब से मदद मांगी तो सऊदी प्रिंस ने इस्लामाबाद को सुधार लाने के लिये कहा.


कुल मिलाकर शहबाज शरीफ फिलस्तीन के लिये हो रही समिट में कुछ दान देने की हैसियत लेकर नहीं गये. उनका बस चलता तो वो वहां पाकिस्तान के लिये भी कुछ मांग लेते और सऊदी अरब ने पाकिस्तानी भिखारियों को चलता करने के बाद पाकिस्तानी लीडर्स को भी कोने में खड़ा करना शुरु कर दिया है.


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