Attack On Chinese In Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) में पुलवामा स्टाइल में चीनी इंजीनियरों की बस पर हुए हमले के बाद ड्रैगन सहम गया है. इसके साथ चीन (China) का पाकिस्तान पर भरोसा भी टूट गया है. चीन ने पाकिस्तान में सेना तैनात करने के फैसले से जता दिया है कि उसे पाकिस्तान और पाकिस्तान की सिक्योरिटी पर जरा भी ऐतबार नहीं है. चीन ने फैसला किया है कि वह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की रक्षा के लिए खुद के करीब 15 हजार जवान पाकिस्तान में तैनात करेगा.


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पाकिस्तान में तैनात होंगे चीनी सैनिक


चीन के सेना तैनात करने वाले फैसले में दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान चाहकर भी ड्रैगन को मना नहीं कर पाया और कह नहीं सका कि उसके देश की जमीन पर विदेशी सैनिकों को क्या काम है? पाकिस्तान के आगे आर्थिक मंदी वाली मजबूरी है. पाकिस्तान अगर चीन के फैसले पर  करता है तो उसे उसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है. चीन पाकिस्तान की तमाम आर्थिक मदद पर रोक लगा सकता है.


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चीन ने क्यों लिया कड़ा फैसला?


रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में ग्वादर पोर्ट पर चीन के तीन अफसर हमले की चपेट में आए. इसके अलावा कबाइली लोगों को अटैक में चीन से आए 5 इंजीनियर मार गिराए गए. चीन इस बार अपने फैसले पर अटल इस वजह से क्योंकि उसे पता चल चुका है कि पाकिस्तानी सेना का बेहतरीन सुरक्षा वाला दावा खोखला ही है. वह चीनी नागरिकों को पाकिस्तान में नहीं बचा रहे हैं.


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पाकिस्तान क्यों नहीं कर पाया मना?


पाकिस्तान को शक है कि अगर उसने चीन के फैसले पर नाक-मुंह सिकोड़ा तो चीन 6 लाख करोड़ वाले चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट से हाथ खींच सकता है. जान लें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जल्द ही चीन जाने वाले हैं. इसलिए वह इस यात्रा से पहले कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहते हैं जिससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नाराज हों.


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पुलवामा हमला क्या है?


गौरतलब है कि पुलवामा हमला भारत में कश्मीर के पुलवामा में 2019 में हुआ था. सीआरपीएफ का काफिला जा रहा था और तभी एक फिदायीन विस्फोटक से लदी कार में आया और काफिले की बस से उसको टकरा दिया. उसके बाद भयंकर धमाका हुआ. इस घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.