Cousin Marriages in Pakistan: देश-दुनिया के कई धर्म-संप्रदायों और इलाकों में कजिंस के बीच शादियां होती हैं. यानी कि चचेरे, ममेरे, फुफेरे, मौसेरे भाई-बहनों के बीच शादी कराना. लेकिन कजिन मैरिज का ये चलन सबसे ज्‍यादा मुस्लिमों में है और खासतौर पर पाकिस्‍तान में सबसे ज्‍यादा है. पाकिस्तान के कई इलाकों में करीबी रिश्तेदारों में शादी को परंपरा की तरह माना जाता है. बल्कि खून के रिश्‍तों में ही शादी करने को पहली प्राथमिकता दी जाती है. ऐसा करने के पीछे उनके अपने कारण हैं लेकिन इससे कई अनुवांशिक विकार पैदा हो रहे हैं, जो खतरनाक बीमारियों का कारण बन रहे हैं.


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बढ़ता ही जा रहा पाकिस्तान में बढ़ता कजिन मैरिज का चलन


पाकिस्तान में अब तक करीब 65 फीसदी शादियों करीबी रिश्‍तेदारों में ही होती हैं. वहीं यहां के कुछ इलाकों में तो यह आंकड़ा 85 फीसदी तक पहुंच चुका है. DUHS के वाइस चांसलर प्रोफेसर सईद कुरैशी ने कहा कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक कारणों से कजिन मैरिज का चलन बढ़ा है. लेकिन इससे बच्चों में रिसेसिव और डोमिनेंट जेनेटिक विकारों का जोखिम काफी बढ़ा है.


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विशेषज्ञों का कहना है कि कजिन मैरिज बढ़ने से आनुवंशिक विकारों में तेजी आई है. कराची की डोव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (DUHS) में जीनोमिक डिसऑर्डर एंड रिसेसिव डिसऑर्डर पर बात करते हुए विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में कजिन मैरिज की बढ़ती दर पर चिंता जाहिर की है.


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फायदा कम, नुकसान ज्‍यादा


जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर स्टाइलियानोस एंटोनाराकिस ने बताया कि आनुवंशिक परिवर्तनशीलता (जेनेटिक वेरिएबिलिटी) विकास को बढ़ा सकती है लेकिन इसका एक बड़ा खतरा यह है कि ये आनुवंशिक विकारों (जेनेटिक डिसॉर्डर) का बोझ भी डालती है. यह उन जगहों पर ज्‍यादा होता है जहां कजिन मैरिज की दर ज्‍यादा होती है, जो कि पाकिस्‍तान में है.


सरकार ध्‍यान दे


जिनेवा विश्वविद्यालय के डॉक्टर स्टाइलियानोस एंटोनाराकिस ने बताया कि 2,980 जीन रिसेसिव बीमारियों से जुड़े हैं. इस मामले में आगा खान विश्वविद्यालय की अम्बरीन फातिमा ने कहा है कि जिस तरह से कजिन मैरिज के कारण आनुवंशिक विकार बढ़ रहे हैं, उसे रोकने के लिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.


थैलीसीमिया जैसी बीमारियां आम


कजिन मैरिज के कारण थैलेसीमिया, माइक्रोसेफली जैसी आनुवंशिक बीमारियां आम हैं. थैलेसीमिया बीमारी में पेशेंट को हर कुछ अंतराल के बाद ब्‍लड चढ़वाने की जरूरत होती है. वहीं माइक्रोसेफली एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे का सिर असामान्य रूप से छोटा होता है. रिसेसिव जेनेटिक डिसऑर्डर तब होते हैं जब बच्चे को माता-पिता दोनों से जीन का एक दोषपूर्ण संस्करण विरासत में मिलता है. डोमिनेंट जेनेटिक डिसऑर्डर भी बच्चे को विरासत में मां-पिता से ही मिलता है.