India Pakistan News in Hindi: पाकिस्तान में एससीओ समिट को वहां की मीडिया गेमचेंजर बता रही है. शहबाज़ शरीफ भी बाहर सीना चौड़ा करके घूम रहे हैं. लेकिन अंदर ही अंदर उनके दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं कि दो दिन के अंदर पाकिस्तान नाम कमाने के बजाय कहीं पूरी तरह नाम डुबो ना ले. क्योंकि इस्लामाबाद में कफ्यू जैसा माहौल बनाने के बावजूद समिट में अशांति के बादल मंडरा रहे हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान में समिट से ज्यादा चर्चा भारत के विदेश मंत्री के 9 साल बाद हो रहे दौरे की है.


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पाकिस्तान में भारत के विदेश मंत्री प्लेन से उतरे. काला चश्मा लगाया और पाकिस्तान में भारत के विदेश मंत्री की एंट्री ब्रेकिंग न्यूज़ बन गई. कंगाल पाकिस्तान की धरती पर यूं तो कोई भी मुल्क खैरात मांगे जाने से डर से जाना पसंद नहीं करता. लेकिन एससीओ समिट की मजबूरी की वजह से एससीओ में शामिल देशों के नेता इस्लामाबाद आए तो पाकिस्तान का मीडिया झूमने लगा. 


क्यों झूम रही पाकिस्तान की मीडिया?


पाकिस्तान की मीडिया को लग रहा है 27 साल बाद पाकिस्तान में कोई मल्टीनेशनल समिट होना गेमचेंजर है. ले​किन शहबाज़ शरीफ और जनरल मुनीर को इंटरनेशनल बेइज्जती का डर सता रहा है. जिस वक्त पाकिस्तान में एससीओ देशों के नेता पहुंच रहे हैं उस वक्त बलोचिस्तान जल रहा है. 


जिस वक्त चीन के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मिलकर इस्लामाबाद में बैठकर वर्चुअली ग्वादर हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, उसी वक्त इसी इलाके में हज़ारों लोग पाकिस्तान से आज़ादी के नारे लग रहे थे. और तो और​ जिस इस्लामाबाद में दुनिया भर के नेताओं को इकट्ठा किया गया है. समिट के शुरुआत होने तक वहां पर इमरान खान समर्थकों के हल्ला बोल के डर से पाकिस्तान के विदेश मंत्री कांपते रहे 


डर के साये में पूरा पाकिस्तान!


इसी डर की वजह से पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में कफ्यू जैसा माहौल बना दिया है. वहीं पाकिस्तान में एस जयशंकर इस वक्त सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ हैं. वो क्या करेंगे..क्या कहेंगे. उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी रहेगी. पाकिस्तान की मीडिया और लोग एक एक बात जानना चाहते हैं. अब पकिस्तानी घर में टीवी बैठकर एस जयशंकर की खबरें सुन रहे हैं. 


पाकिस्तान के एक पत्रकार ने पूछा कि पिछले साल जो गोवा में हुआ था एससीओ..हम गए थे...एक ऐसा माहौल था कि भारत की तरफ से पाकिस्तान के जो विदेश मंत्री हैं...उनके साथ शेकहैंड नहीं किया गया था. सवाल था पाकिस्तान क्या करेगा. यह सवाल विदेश मंत्री इशहाक डार से किया गया..जवाब शहबाज़ ने दे दिया. शहबाज़ ने ​डिनर दिया था. जयशंकर पहुंचे तो शहबाज़ ने दूर से ही हाथ बढ़ा दिया. लेकिन भारत के विदेश मंत्री शांति के साथ आगे बढ़े. कुछ सेकेंडों बाद जब शहबाज़ के सामने पहुंचे तब उन्होंने अपना हाथ बढ़ाया. 


जयशंकर से हैंडशेक करते रहे शहबाज
 
शहबाज़ ने भारत के विदेश मंत्री का हाथ झपटकर ऐसे पकड़ा मानो छोड़ना ही नहीं चाहते. एक सेकेंड..दो सेकेंड..तीन सेकेंड...चार सेकेंड.....14 सेकेंड तक शहबाज़ शरीफ एस जयशंकर का हाथ गर्मजोशी से पकड़कर खड़े रहे. दोनों नेता एक दूसरे से बात भी करते रहे. खास बात ये है कि गोवा में एस जयशंकर के बिलावल से हाथ ना मिलाने का मुद्दा पाकिस्तान में अभी भी छाया है लेकिन शहबाज़ ने बता दिया भारत को लेकर उनका नज़रिया क्या है. 
 
वो भारत से संबंधों को लेकर बहुत कुछ सोच रहे हैं. लेकिन जयशंकर भारत से निकलने से पहले ही संकेत दे चुके थे कि पाकिस्तान को ज्यादा उम्मीद नहीं पालनी चाहिए. हालांकि तब भी पाकिस्तान की तरफ से एक कोशिश होगी. लेकिन पाकिस्तान की जनता भारत से संबंधों को मजबूत करने का बड़ा जरिया मान रही है.