India Pakistan News: पाकिस्तान को दुनिया में अपना स्टेटस हासिल करना है तो भारत जैसे पड़ोसी देश से रिश्ते बेहतर करने ही होंगे... नवाज शरीफ का यह बयान काफी चर्चा में है. दरअसल, पाकिस्तान में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, शरीफ के जीतने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. हाल में उनके खिलाफ केस भी हटे हैं. दिलचस्प यह है कि बात-बात पर कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तानी नेता अब भारत से संबंधों की दुहाई दे रहे हैं. हां, नवाज के बाद बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी जहरीले बयान भूलकर दोस्ती की पेशकश की है. बिलावल वही शख्स हैं, जो कुछ महीने पहले भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अनाप-शनाप बातें कह रहे थे. शायद सत्ता के लिए इस बार पाकिस्तानी नेताओं के सुर थोड़ा बदले हैं. 


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पाकिस्तान को चाहिए तरक्की और...


वहां के जमीनी हालात को समझने वाले इस बात को आसानी से समझ सकते हैं कि पाकिस्तानियों की जरूरतें क्या हैं? वहां अब वोट देने से पहले जनता को किस चीज की गारंटी चाहिए? सरकारी खजाना खाली है, महंगाई चरम पर है, गरीब- मिडिल क्लास बेहाल है. बेरोजगारी सिर्फ बढ़ रही है. बिजनस जगत में कोई तरक्की नहीं है. दुनिया में मुल्क सिर्फ आतंकवाद की फैक्ट्री के तौर पर जाना जा रहा है. ऐसे में वोट मांगने जा रहे नेता जनता को 'अच्छे दिन' का वादा कर रहे हैं तो उन्हें यह भी बताना पड़ रहा है कि पाकिस्तान का कायापलट करने का उनका प्लान क्या है. 


नवाज ने भारत पर क्या कहा


पहले नवाज शरीफ ने भारत का उदाहरण देकर पाकिस्तानियों को पड़ोसी जैसी तरक्की के सपने दिखाए. उनके बयानों का ही असर था कि बिलावल भुट्टो को भी भारत पर सुर नरम करने पड़े. उन्होंने कश्मीर का जिक्र तो किया लेकिन कहा कि वह सत्ता में आने के बाद भारत के साथ कश्मीर और आतंकवाद जैसे मसलों को आपस में हल करने के लिए राजी करेंगे. असल में भारत कहता रहा है कि आतंकवाद और दोस्ती या दूसरे संबंध एकसाथ नहीं चल सकते. इसी कारण भारत ने पूरी तरह से पाकिस्तान से मुंह फेर लिया. असर वहां के नेताओं और पूरे देश को दिख रहा है. 


पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने चुनाव से पहले भारत से बातचीत करने और आतंकवाद के मसले पर ऐक्शन लेने के संकेत दिए हैं. बिलावल का बयान अहम हो जाता है क्योंकि वह पाकिस्तान के अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. 


भारत चांद पर पहुंच गया और...


दरअसल, नवाज शरीफ पड़ोसियों खासतौर से भारत के साथ संबंध बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं. चार साल बाद स्वदेश लौटे शरीफ कह रहे हैं कि पाकिस्तान के बॉर्डर से लगे मुल्कों से अच्छे रिश्ते में भलाई ही है. उन्होंने माना कि ऐसा नहीं होने से देश का नुकसान हो रहा है. शरीफ ने कहा है कि आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक देश से दूसरे जाकर फंड्स की भीख मांगते हैं जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी20 मीटिंग की मेजबानी कर रहा है. पाकिस्तान वो सब क्यों हासिल नहीं कर सकता, जो भारत ने किया है? इस तरह से देखें तो पाक चुनाव भारत की तरक्की का मुद्दा गूंज रहा है. 


पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कहा है कि जब वह वजीर-ए आजम थे, 2017 तक मुल्क खुशहाली की तरफ दौड़ रहा था. नवाज शरीफ ने कुछ दिन पहले कहा कि हमारा पड़ोसी चांद पर पहुंच गया है और अभी हम जमीन से नहीं उठ रहे. 10-10 रुपये किलो सब्जियां मिलती थीं. 4 रुपये की रोटी थी. आज 20 रुपये की रोटी मिलती है. नवाज जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह आए तो भारत से संबंध बेहतर होंगे, अब उसी लाइन पर बिलावल भी आ गए हैं.


पाकिस्तान के आम चुनाव में वैसे तो मुकाबला त्रिकोणीय था लेकिन इमरान खान की पार्टी के चुनाव चिन्ह वाले संकट के चलते यह दो ध्रुवीय यानी पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच होता जा रहा है.