Attack on Chinese Engineers in Pakistan: कंगाल पाकिस्तान की फजीहतों में एक बार फिर इज़ाफ़ा होता नज़र आ रहा है. दर-दर जाकर भीख मांगने वाले पाकिस्तान को चीनी नागरिकों की मौत के बदले 72 करोड़ रुपए का हर्जाना चुकाना पड़ रहा है.  दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें चीन के 5 नागरिकों की मौत हो गई थी. 


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चीन को हर्जाने में 72 करोड़ रुपये देगा पाकिस्तान


डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस हमले में मारे गए चीनी नागरिकों के परिजनों को बदले में 2.58 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 72 करोड़ पाकिस्तानी रुपये देगा. पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें चीन को हर्जाना देने का फैसला किया गया. 


शहबाज़ सरकार ने दबाव में ही सही, चीनी नागरिकों के परिवारों को पैसे देने का ऐलान तो कर दिया. लेकिन, चीन को अच्छी तरह पता है कि पाकिस्तान की सरकार उसके नागरिकों की भविष्य में भी सुरक्षा नहीं कर पाएगी. यही वजह है कि चीन ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से इस मामले में मदद मांगी है. 


ड्रैगन ने अफगान तालिबान से लगाई गुहार


उसने तालिबान से पाकिस्तान में चल रही उसकी परियोजनाओं और सुरक्षाकर्मियों पर हमले ना करने की गुहार लगाई है. साथ ही चीन ने तालिबान से आतंकी हमले रोकने में मदद करने की अपील की है. कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि चीन भी पाकिस्तान के नकारेपन से अच्छी तरह वाकिफ हो चुका है और वो पाकिस्तान में लगे अपने पैसे पानी में नहीं बहाने वाला.


पाकिस्तान में क्यों घबराया हुआ है चीन?


बताते चलें कि पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के आतंकी सक्रिय हैं. ये पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के साथ ही वहां काम कर रहे चीनी इंजीनियर्स को निशाना बनाते रहते हैं. इसके साथ ही बलूच विद्रोही भी जब- तब पाकिस्तानी और चीनी इंजीनियरों पर हमले करते रहते हैं. इससे चीन के लिए CPEC प्रोजेक्ट पर काम करना मुश्किल होता जा रहा है. पाकिस्तान का आरोप रहा है कि इन हमलों के पीछे भारत का हाथ है. हालांकि भारत ने इसे दुष्प्रचार बताते हुए अक्सर खारिज किया है.