पाकिस्तान को बड़ी महंगी पड़ी काबुल में पी गई वह चाय, खून बहाकर सारा हिसाब वसूल रहा तालिबान
Pakistan News: सितंबर 2021 में ISI के तत्कालीन प्रमुख जनरल फैज हमीद ने काबुल का दौरा किया था. वहां वे चाय की चुस्कियां लेते हुए नजर आए थे. पाकिस्तान उस चाय की कीमत आज तक चुका रहा है.
पाकिस्तान ने जिस भस्मासुर को पाला-पोसा, अब वह उसे ही बर्बाद करने पर आमादा है. 2021 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ा, तब पाकिस्तान फूला नहीं समा रहा था. उसने तालिबान पर डोरे डालने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. तब पाकिस्तान को लगा था कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर लगाम कसेगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार को 2021 का एक वाकया याद आ गया. डार के मुताबिक, आतंकवादी हमलों की तादाद बढ़ने के पीछे तीन साल पहले काबुल में पाकिस्तान के एक थ्री-स्टार जनरल द्वारा पी गई चाय जिम्मेदार है. डार, जो विदेश मामलों का जिम्मा भी संभालते हैं, ने लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की.
काबुल में पी गई वो चाय...
अगस्त 2021 में अमेरिका के जाने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो गया. सितंबर में वहां पाकिस्तान से एक खास नुमाइंदा पहुंचा. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के तत्कालीन चीफ जनरल फैज हमीद काबुल पहुंचे थे. वहां उनकी चाय पीते तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं. उस दौरान, उन्होंने एक पत्रकार से कहा था, 'सब ठीक हो जाएगा.' तालिबान को लेकर ISI का रुख बदल रहा था और डार के मुताबिक, आज उस चाय की कीमत पाकिस्तान चुका रहा है.
जोश में होश खो बैठी ISI
डार ने हमीद का नाम लिए बिना कहा, 'अफगानिस्तान में चाय के उस कप की कीमत देश चुका रहा है.' डिप्टी पीएम ने कहा कि जनरल ने कुछ आतंकवादियों को रिहा करने का जो फैसला किया, वही पाकिस्तान भर में बढ़ते हमलों की वजह था. उन्होंने कहा, 'उस समय रिहा किए गए लोग आज बलूचिस्तान में आतंकवाद का मास्टरमाइंड हैं.'
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इमरान सरकार पर निशाना
डिप्टी पीएम ने कहा कि 2021 में तत्कालीन ISI चीफ का काबुल दौरा तब पीएम रहे इमरान खान की मंजूरी के बिना नहीं हो सकता था. डार ने कहा कि आर्थिक और सुरक्षा के मोर्चे पर इमरान की गलतियों का खामियाजा मुल्क भुगत रहा है. डार ने कहा, 'मुझे यह स्वीकार करना मुश्किल लगता है कि वह (हमीद) पीएम साहब (इमरान खान) की अनुमति के बिना जा सकते थे. हम आज सुरक्षा प्रतिष्ठान के साथ मुद्दों पर काम कर रहे हैं, ये चीजें पीएम की मंजूरी के बिना संभव नहीं हैं.'
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अफगानी रणनीति में हो गई चूक
तालिबान के उभार को पाकिस्तान ने हाथों हाथ लिया था. उसे लगा था कि तालिबान TTP के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो कई सालों से पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है. लेकिन इसके उलट, TTP ने तालिबान के सत्ता में आने के बाद हमले तेज कर दिए हैं. बलूचिस्तान में हालात ज्यादा ही खराब हैं. डार का बयान बताता है कि शायद पाकिस्तान के हुक्मरानों को उस गलती का अहसास हो गया है.