Islamabad Protest: इमरान खान को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर इस्लामाबाद में प्रदर्शन चल रहा है. यह प्रदर्शन अब हिंसक होता जा रहा है. मंगलवार (26 नवंबर) को इस्लामाबाद में इन प्रदर्शनों को दौरान 6 जवानों की मौत हो गई. मरने वालों में चार अर्धसैनिक और 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं. यह घटना तब घटी जब इमरान खान के सैकड़ों समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर राजधानी में मार्च निकाला. बताया जा रहा है कि इमरान खान के समर्थक बैरिकेड्स हटाकर और पुलिस से भिड़ने के बाद इस्लामाबाद में घुसे थे. सरकारी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि सोमवार देर रात चार अर्धसैनिक रेंजर्स और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. जब डी-चौक की तरफ मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद केंद्रीय सरकार ने इस्लामाबाद में सेना तैनात करने के साथ-साथ देखते ही गोली मारने के आदेश दिए.


डी चौक पर क्यों दे रहे हैं धरना?


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पिछले साल अगस्त से जेल में बंद 72 इमरान खान ने 13 नवंबर को 24 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था. जिसमें उन्होंने 'चुराए गए जनादेश', लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पास होने की निंदा की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने 'तानाशाही शासन' को और मजबूत किया है. पाकिस्तानी मीडिया में चल रही फुटेज काफी हैरान कर देने वाली हैं. वायरल हो रही वीडियोज में देखा जा सकता है कि खान के समर्थक डी-चौक की तरफ जाने वाली सड़कों पर रखे शिपिंग कंटेनरों पर चढ़ रहे हैं. यह इलाका राष्ट्रपति भवन, पीएम हाउस, संसद और सुप्रीम कोर्ट के बेहद नजदीक है. 


गृह मंत्रालय के आदेश की उड़ रहीं धज्जियां


पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा था कि किसी को भी डी चौक पर जाने की इजाज़त नहीं है लेकिन इमरान के समर्थकों ने किसी भी आदेश को नहीं सुना और वो उस जगह पहुंच गए जहां उन्होंने जाने का ऐलान किया था. नकवी ने यह भी कहा कि सरकार ने पीटीआई नेताओं को हर तरह से मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बातचीत से ही समय मिला और वे केंद्रीय राजधानी की तरफ बढ़ गए. उन्होंने कहा,'हमने प्रदर्शनकारियों को डी चौक की बजाए संगजानी में इकट्ठा होने की पेशकश की. उनका पूरा नेतृत्व खून-खराबा नहीं चाहता, लेकिन एक खुफिया नेतृत्व है जो इस सब को कंट्रोल कर रहा है और विवाद का कारण बना हुआ है. 


देखते ही गोली मारने का हुक्म


पाकिस्तान सरकार ने उनकी कोशिशों को नाकाम बनाने की कसम खाई है, 'भले ही कर्फ्यू लगाना पड़े'. ताजा निर्देशों के मुताबिक अधिकारियों ने सुरक्षा कर्मियों को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और जरूरत पड़ने पर किसी भी दंगाई को गोली मारने जैसे कदम उठाने की इजाज़त दे दी है. गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे रेड लाइन को पार न करें. नकवी ने कहा,'मैं फिर से कह रहा हूं कि बेलारूस के राष्ट्रपति पाकिस्तान में हैं, इसलिए रेड लाइन को पार न करें. नहीं तो हमें अनुच्छेद 245 को लागू करने, कर्फ्यू लगाने और सख्त उठाने होंगे. 



आखिरी सांस तक खड़ी रहूंगी: बुशरा


दूसरी तरफ इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों को अपने एक संबोधन में कहा कि वे तभी जाएं जब खान खुद से अगले कदम के बारे में आपको बताएं. कई जानकारों का मानना ​​है कि खान की पत्नी बुशरा बीबी ही पीटीआई के सभी महत्वपूर्ण फैसले ले रही हैं. इससे पहले बुशरा बीबी ने अपने संबोधन में कहा,'जब तक खान हमारे पास नहीं आ जाते हम यह (प्रदर्शन) खत्म नहीं करेंगे. मैं अपनी आखिरी सांस तक यहीं खड़ी रहूंगी और आप लोगों ने मेरा साथ देना है. अगर कोई साथ नहीं देगा मैं तब भी यहीं खड़ी रहूंगी. क्योंकि यह बात सिर्फ मेरे मियां (पति) की नहीं बल्कि इस मुल्क के लीडर की बात है. मुझे उम्मीद नहीं बल्कि यकीन है कि पठान आखिरी सांस तक जंग नहीं छोड़ती है.'


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी हुए डाउन


इस प्रदर्शन के चलते देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक चलाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा इंटरनेट भी ठीक से काम नहीं कर रहा है. बीच-बीच में इंटरनेट, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डाउन हो रहे हैं. कई इलाकों में तो पूरी तरह से इंटरनेट सर्विसेज को बंद कर दिया गया है.