Science News in Hindi: तिब्बती पठार को 'एशिया का वाटर टावर' कहा जाता है. यहां 1,000 से ज्यादा झीलें हैं जिनसे एशिया की 10 प्रमुख नदियां निकलती हैं. इनमें से सबसे बड़ी झील, सिलिंग का व्यवहार वैज्ञानिकों को चकित कर रहा है. जलवायु परिवर्तन के चलते सिलिंग झील में पानी इतना बढ़ गया है कि वह पास की दूसरी झील में मिल रहा है. ऐसा 4,000 से अधिक सालों में पहली बार देखने को मिला है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2030 तक एक-दूसरे में मिल जाएंगी दोनों झीलें!


चीनी मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिलिंग झील का पानी बांगे में मिल रहा है जो खारे पानी की झील है. वैज्ञानिकों के अनुसार, ये दोनों झीलें एक-दूसरे से करीब 6 किलोमीटर दूर हैं. उन्होंने संभावना जताई कि 2030 तक इन दोनों झीलों का विलय हो सकता है. चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के Institute of Tibetan Plateau Research की टीम का एनालिसिस Science Bulletin जर्नल में छपा है.


यह भी पढ़ें: हजारों साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता का अंत कैसे हुआ था? नई रिसर्च से मिले चौंकाने वाले सबूत


तेजी से फैल रही सिलिंग झील


रिसर्च के मुताबिक, पिछले दो दशकों के दौरान सिलिंग झील के क्षेत्रफल में तेजी से विस्तार हुआ है. 1970s में यह झील कोई 1,640 किलोमीटर में फैली थी. 2023 आते-आते सिलिंग 2,445 किलोमीटर में फैल चुकी है. सिलिंग और बांगे झील अलग-अलग जलग्रहण क्षेत्रों का हिस्सा रही हैं. इनका 4,000 सालों से अधिक समय से कोई जलवैज्ञानिक संबंध नहीं है.


वैज्ञानिकों के अनुसार, शायद 8,200 साल पहले ये दोनों झीलें जुड़ी हुई थीं. जब ग्लेशियर पिघल गए थे और समुद्र का स्तर बढ़ गया था. रिसर्च से पता चला कि पिछले एक दशक में बांगे का जलस्तर जहां 1 मीटर घटा, वहीं सिलिंग का जलस्तर 4 मीटर बढ़ गया. पिछले साल सितंबर में सिलिंग नदी का पानी दो झीलों के बीच मौजूद प्राचीन नदी में बह गया था.


VIDEO: 1.8 बिलियन साल पहले पृथ्वी कैसी दिखती थी? देखिए, तब से अभी तक का पूरा सफर


विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!