Imran Khan: पार्टी का सिंबल छिना, खुद जेल में बंद, चुनाव लड़ने पर भी रोक, इमरान खान के सामने क्या हैं 3 रास्ते?
Imran Khan Party Symble: चुनाव तारीख की घोषणा के बीच इमरान खान और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध के ऐसे-ऐसे बाउंसर फेंके जा रहे हैं जिनसे बचना इमरान के लिए मुश्किल है. आइए जानते हैं कि पार्टी का चुनाव चिन्ह छिनने के बाद उनके पास क्या ऑप्शन हैं.
Imran Khan Election Ban: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सियासी पारी का गेम ओवर होने वाला है क्योंकि पाकिस्तान (Pakistan) में होने वाले 2024 के आम चुनावों में ना इमरान खुद दिखेंगे और ना ही उनकी पार्टी का सिंबल (PTI Party Symble) ही दिखेगा. क्योंकि पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को निलंबित करने की मांग की याचिका खारिज की. मतलब साफ अब चुनाव लड़ने पर रोक बरकरार रहेगी. इस बीच अब पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन ने भी बड़ा झटका देते हुए उनके चुनाव सिंबल बैट को बैन कर दिया. अब इमरान खान क्या करेंगे? उनकी पार्टी के नेता सिंबल के बिना क्या करेंगे? कैसे चुनाव लड़ेंगे? उनके पास क्या रास्ते बचे हैं, आइए जान लेते हैं.
छिन गया इमरान का बल्ला?
जिस बल्ले की बदौलत इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. जिस बल्ले पर पाकिस्तान ने 5 साल पहले खूब वोट बरसाये थे. वो बल्ला अब पाकिस्तान के चुनाव में नहीं दिखने वाला क्योंकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान की पार्टी PTI यानी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ से उसका चुनाव चिह्न बल्ला छीन लिया है.
टूट गईं इमरान की सारी उम्मीदें
चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक, फरवरी में होने जा रहे पाकिस्तान के आम चुनाव में PTI बल्ले के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी. इमरान खान की जगह गौहर अली खान को PTI का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चुनाव आयोग के फैसले के बाद गौहर अली खान भी चेयरमैन नहीं रह पाएंगे. यही नहीं 8 फरवरी को हो रहे आम चुनाव में इमरान खान की दावेदारी पेश करने की उम्मीदें भी टूट गईं. इमरान जेल में रहकर भी अपनी पार्टी को चुनाव जिताने का दम भर रहे थे लेकिन चुनाव चिह्न छिन जाने से उनकी तैयारियों को अब तगड़ा झटका लगा है.
क्या चुनाव चिन्ह वापस ले पाएगी पीटीआई?
इमरान खान की पार्टी को उम्मीद है कि वो फिर से अपना बल्ला वापस लाएगी. पार्टी हर लेवल पर जाकर इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी. पीटीआई को लगता है कि उसके सभी उम्मीदवार बल्ले वाले चिन्ह के साथ ही चुनाव में उतरेंगे. शुक्रवार को साइफर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को जमानत दी थी. लेकिन ये खबर भी राहत देने वाली नहीं थी क्योंकि इमरान खान के खिलाफ कुछ और मामले कोर्ट में होने की वजह से वो रिहा नहीं हो पाए.
बल्ला थामने के लिए आर-पार के मूड में इमरान?
इस बीच चुनाव आयोग ने भी PTI के चुनाव चिह्न के इस्तेमाल से जुड़ी याचिका को भी खारिज कर दिया है. जिसके बाद इमरान की पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इमरान खान क्रिकेट से राजनीति में आए. उनकी पहचान पाकिस्तान को वर्ल्डकप जिताने वाले कप्तान की थी. इमरान एक विजेता कप्तान और महान ऑलराउंडर का रुतबा लेकर पाकिस्तान में राजनीति की पिच पर उतरे और चुनाव चिन्ह के तौर पर भी उन्हें बल्ला मिला. इसी बल्ले ने उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया. अब इसी बल्ले को वापस थामने के लिए आर-पार के मूड में हैं. अब समझिए इमरान के पास विकल्प क्या हैं?
इमरान खान के सामने क्या विकल्प हैं?
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं. अगर तब तक इमरान की पार्टी कोई चुनाव चिह्न हासिल नहीं कर सकी तो पार्टी को फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा. दूसरा विकल्प ये कि पार्टी के नेताओं को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना होगा. और अगर निर्दलीय चुनाव जीते तो भी वो PTI में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि निर्दलीय सिर्फ उन पार्टियों से जुड़ सकते हैं जो चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हों. यानी ऐसे मामले में इमरान की पार्टी को किसी और पार्टी का हाथ थामना पड़ सकता है.