नई दिल्‍ली : आतंकवाद को लेकर पाकिस्‍तान का झूठ एक बार फिर सामने आया है. पाकिस्‍तान ने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के बहावलपुर में स्थित मुख्‍यालय को मदरसा बताया है. साथ ही उसका कहना है कि इसका आतंकवाद से कोई भी नाता नहीं है. पाकिस्‍तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि यह जैश-ए-मोहम्‍मद का मुख्‍यालय नहीं है, बल्कि मदरसा है. भारत अपने प्रोपेगैंडा के तहत इसे जैश का मुख्‍यालय बता रहा है.


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पाकिस्‍तान जैश-ए-मोहम्‍मद के मुख्‍यालय को नियंत्रण में लेने वाले अपने दावे से भी मुकर गया है. सोशल मीडिया में जारी एक वीडियो संदेश में फवाद चौधरी ने कहा है कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर स्थित मदरासतुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानअल्‍लाह को प्रशासनिक नियंत्रण में लिया है. यह हमारे नेशनल एक्‍शन प्‍लान का हिस्‍सा है.


पाकिस्‍तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने दिया बयान. फाइल फोटो

पाकिस्‍तान ने शनिवार को स्‍थानीय पत्रकारों को बहावलपुर में दोनों परिसरों का मौका मुआयना करवाया और कहा कि यह सिर्फ एक मदरसा है, जैश-ए-मोहम्‍मद से इसका कोई भी नाता नहीं है. बहावलपुर के डिप्‍टी कमिश्‍नर शाहजेब सईद ने भी कहा है कि इन स्‍थलों का जैश-ए-मोहम्‍मद के चीफ आतंकी मसूद अजहर से कोई नाता नहीं है.


बता दें कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को बताया था, ‘‘पंजाब सरकार ने बहावलपुर स्थित जेईएम मुख्यालयों को अपने नियंत्रण में ले लिया है.’’ मंत्री ने कहा था कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर में दो परिसरों को अपने नियंत्रण में लिया है और उसके कामकाज को देखने के लिए अपना एक प्रशासक नियुक्त किया है. बहावलपुर लाहौर से 400 किमी दूर है. दोनों परिसरों में फिलहाल 70 शिक्षक और 600 छात्र हैं.


वहीं भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक पाकिस्‍तानी सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्‍मद के हेडक्‍वार्टर को कंट्रोल में लेने की बात से पहले बड़ी साजिश को अंजाम दिया है. पाकिस्‍तानी सेना ने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर समेत 6 टॉप कमांडरों को सुरक्षित स्‍थान पर छिपा लिया है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्‍मद के चीफ मसूद अजहर को पाकिस्‍तानी सेना ने आईएसआई के सेफ हाउस में छिपाया है.


पाकिस्तान सरकार ने अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए शुक्रवार को जैश ए मोहम्मद (जेईएम) मुख्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथों में लेने की बात कही थी. इसी आतंकी संगठन (जेईएम) ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं.


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी बयान जारी कर पुलवामा हमले को जघन्य और कायराना बताते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी. साथ ही जोर देकर कहा कि इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वालों और धन मुहैया करने वालों को न्याय के दायरे में लाया जाए.