इस्लामाबाद : पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान ने पांच सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया है। जेआईटी के गठन से एक सप्ताह पहले ही इस घटना के संदर्भ में एफआईआर दर्ज की गई है।


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जेआईटी जांच करने के लिए भारत सरकार की अनुमति से सबूत जुटाने के लिए अगले माह एयरबेस का दौरा करेगी। इस जांच दल में पंजाब आतंकवाद रोधी विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद ताहिर राय (संयोजक), इंटेलिजेंस ब्यूरो लाहौर में उप महानिरीक्षक मोहम्मद आजिम अरशद, आईएसआई के लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद, सैन्य खुफिया विभाग के लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान मिर्जा और गुजरांवाला के सीटीडी जांच अधिकारी शाहिद तनवीर शामिल हैं।


इससे पहले सरकार ने भारत की ओर से दिए गए साक्ष्यों के आधार पर मामले की शुरूआती जांच करने के लिए छह सदस्यों वाले एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सरकार एक बार औपचारिक तौर पर एसआईटी की शक्तियां जेआईटी को स्थानांतरित कर देती हैं तो एसआईटी निष्क्रिय हो जाएगी। हमले से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए पाकिस्तानी विशेषज्ञों का दल ‘जल्दी’ ही भारत आ सकता है।


पाकिस्तान ने पठानकोट आतंकी हमले के सिलसिले में 18 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज कराई थी लेकिन इसमें जैश ए मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के नाम का जिक्र नहीं है। भारत मसूद को इस हमले का मास्टरमाइंड बताता रहा है।


पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग ने यह प्राथमिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल की ओर से उपलब्ध करवाई गई जानकारी के आधार पर दर्ज की है। डोभाल की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी में कहा गया है कि चार हमलावर संभवत: पाकिस्तान से भारत में दाखिल हुए और उन्होंने दो जनवरी को एयरबेस पर हमले को अंजाम दिया।


इस हमले के कारण पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों के बीच जनवरी में इस्लामाबाद में होने वाली बैठक स्थगित हो गई थी। उसके बाद से अब तक वार्ता के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है।