Benjamin Netanyah: इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और हमास के बीच एक समझौते पर पहुंचने की चल रही कोशिशें चल रही हैं.
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War in Gaza: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के साथ संघर्ष विराम वार्ता चाहे जो अंजाम हो इजरायल दक्षिणी राफा पर हमला करेगा. बता दें युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल और हमास के बीच एक समझौते पर पहुंचने की चल रही कोशिशें चल रही हैं.
बीबीसी के मुताबिक बंधकों के रिश्तेदारों साथ एक बैठक में, नेतन्याहू ने कहा कि चाहे डील हो या न हो वह आक्रमण करेंगे.
अमेरिकी चेतावनियों के बाद आई टिप्पणी
नेतन्याहू की टिप्पणी अमेरिका की ओर से राफा हमले के खिलाफ नई चेतावनियों के बाद आई है. अमेरिका नागरिकों की उचित सुरक्षा के बिना राफा पर हमले के खिलाफ है.
व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि रविवार को नेतन्याहू के साथ एक फोन कॉल में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राफा पर ‘अपनी स्पष्ट स्थिति दोहराई.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने इससे पहले राफा पर आक्रमण को ‘रेड लाइन’ बताया था.
राफा में है बड़ी आबादी
गाजा की 2.5 मिलियन आबादी में से आधे से अधिक राफा में हैं, जो क्षेत्र के अन्य हिस्सों में लड़ाई से बचने के लिए वहां से भाग गए हैं. भीड़भाड़ वाले शहर में हालात गंभीर हैं और वहां विस्थापित लोगों ने भोजन, पानी और दवा की कमी झेल रहे हैं.
वेस्ट बैंक स्थित फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने सोमवार को कहा कि राफा पर हमला ‘फिलिस्तीनी लोगों के इतिहास में सबसे बड़ी तबाही’ होगी.
इजरायली विदेश मंत्री का बयान
बीबीसी के मुताबिक कुछ दिन पहले, इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज़ ने कहा था कि 'अगर कोई समझौता होगा, तो हम [राफा] ऑपरेशन को सस्पेंड कर देंगे.’ उन्होंने इजरायली चैनल 12 टेलीविजन से बातचीत में यह बयान दिया था.
नेतन्याहू ने क्या कहा?
लेकिन मंगलवार को नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक इजरायल राफा में अपने सभी उद्देश्यों को हासिल नहीं कर लेता. उन्होंने कहा, ‘यह विचार कि हम अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने से पहले युद्ध रोक देंगे, सवाल से बाहर है.’
नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ‘हम राफा में प्रवेश करेंगे और डील हो या न हो हम पूरी जीत हासिल करने के लिए हमास की बटालियनों को खत्म कर देंगे.’
इसमें कहा गया है कि परिवारों ने प्रधानमंत्री और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, तजाची हानेग्बी से युद्ध जारी रखने और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव को नजरअंदाज करने की अपील की. हालांकि, कई बंधक परिवारों ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया है कि सरकार किसी भी कीमत पर उनके प्रियजनों को वापस करने के समझौते पर सहमत हो.