संयुक्त राष्ट्र: भारत का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा राज्य की नीति के हथियार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल ‘मुख्य समस्या’ है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आतंकवाद और आतंकवादियों की निंदा करनी चाहिए. मानवाधिकार परिषद के 40वें सत्र को गुरुवार को संबोधित करते हुए जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत राजीव चंद्र ने कहा, ‘आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे मौलिक उल्लंघन है और हम इसे नजरअंदाज करके खुद जोखिम लेते हैं.’


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उन्होंने परिषद से कहा कि मुख्य समस्या सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान द्वारा राज्य की नीति के हथियार के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करना है. इस तथ्य पर पूर्ण रूप से गौर किया जाना चाहिए. चंद्र ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने पर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में आम सहमति का आह्वान किया.


जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर राजदूत ने कहा कि राज्य पर भारत का नजरिया परिषद में पहले ही साफ किया जा चुका है. चंद्र ने कहा, ‘पूरा जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है. पाकिस्तान हमारी जमीन के एक हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए है.’


पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर कभी गंभीर कार्रवाई नहीं की - न्यूयॉर्क टाइम्स
अमेरिका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर कभी भी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की. उसने चेतावनी दी है कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा बरकरार है और इसका दीर्घकालिक समाधान बिना अंतरराष्ट्रीय दबाव के संभव नहीं है. न्यूयॉर्क टाइम्स समाचार पत्र ने 'दिस इज वेयर अ न्यूक्लियर एक्सचेंज इज मोस्ट लाइक्ली (इट्स नॉट नॉर्थ कोरिया)' नाम से एक लेख में यह बातें कहीं हैं.


अखबार ने कहा कि बीते सप्ताह दोनों देशों के बीच तनातनी के बाद रिश्तों में शांति समाधान नहीं है. अखबार के मुताबिक, जब-जब भारत और पाकिस्तान ने अपने मुख्य मुद्दे यानि कश्मीर के भविष्य पर समझौता करने से इनकार किया है, तब-तब उन्हें अप्रत्याशित तथा संभवतः भयानक परिणामों का सामना करना पड़ा है.