नई दिल्‍ली: अफगानिस्तान में भी आतंकवादी हमले की खबरें आए दिन ही सुनने को मिलती हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कैसे पाकिस्तानी आतंकी दक्षिण एशिया में इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे आतंकी समूहों का नेतृत्व कर रहे हैं. पाकिस्तान का नापाक चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है. 


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रिपोर्ट में बताया गया है कि 6,000-6,500 पाकिस्तानी आतंकवादी पड़ोसी देश अफगानिस्तान में सक्रिय हैं और दहशत फैला रहे हैं. इन आतंकियों में अधिकतर का संबंध 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' से है जो अफगानिस्तान के लिए बड़ा खतरा हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) तालिबान के तहत अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रांतों से काम करता है. 


अफगानिस्‍तान में PAK के 6500 आतंकी सक्रिय, JeM के 13 सदस्‍य ढेर


UNSC की 1267 निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक के इस्लामिक स्टेट और लेवांत के वर्तमान और पूर्व प्रमुख - खुरासान प्रांत (आईएसआईएल के) - असलम फारूकी और जिया उल-हक पाकिस्तानी नागरिक हैं. ओसामा महमूद का जन्म पाकिस्तान में हुआ था जो कि वर्तमान में भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) में अल कायदा का लीडर है.


रिपोर्ट के अनुसार आतंकी संगठन का मकसद उन तालिबान लड़ाकों को भी अपनी तरफ खींचना है जो अमेरिका के साथ हुए समझौते का विरोध करते हैं. निगरानी टीम को यह भी सूचित किया गया कि आईएसआईएल-के मालदीव में भी समर्थकों के नेटवर्कों के साथ काम करता है. संगठन ने 15 अप्रैल, 2020 को मालदीव में अपने पहले हमले का दावा किया था जिसमें पांच सरकारी नौकाओं को निशाना बनाया गया था.


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यूएनएससी की 1267 निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के कुछ आतंकी ISIL-K के साथ जुड़े हैं. अफगानिस्तान में ISIL-K के सदस्यों की संख्या 2,200 है. इसका सरगना शेख मतिउल्ला कमाहवाल है जो पूर्व में कुनार में ISIL-K का सरगना था. इसके अलावा सीरियाई नागरिक अबु सईद मोहम्मद अल खुरासानी और शेख अब्दुल ताहिर भी शीर्ष पदों पर काबिज हैं. सदस्य राष्ट्रों के अनुसार अलकायदा 12 अफगान प्रांतों में गुप्त रूप से सक्रिय है और इसका सरगना अयमान अल-जवाहिरी देश में जड़ें जमाए हुए है.