वाशिंगटन : देश में चल रही 'सांप्रदायिक घटनाओं' के खिलाफ विरोध जता रहे भारतीय लेखकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए लेखकों के वैश्विक संघ ने भारत से अपील की है कि वह ऐसे लोगों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करे और संविधान की ओर से प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करे।


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कनाडा की क्यूबेक सिटी में आयोजित पेन इंटरनेशनल की 81वीं कांग्रेस में भाग लेने वाले 73 देशों के प्रतिनिधियों ने एक बयान में उन लेखकों और कलाकारों के साथ भी एकजुटता दिखाई, जिन्होंने विरोध दर्ज कराते हुए अपने प्रतिष्ठित पुरस्कार लौटा दिए हैं।


इसी के साथ पेन इंटरनेशनल के अध्यक्ष जॉन रॉल्स्टन सॉल ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और साहित्य अकादमी को पत्र लिखकर भारत सरकार से अपील की है कि वह लेखकों और कलाकारों समेत हर किसी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए।


पत्र में कहा गया, 'हम अकादमी को अपने पुरस्कार लौटा देने वाले 50 से अधिक उपन्यासकारों, विद्वानों, कवियों और जन बुद्धिजीवियों के साथ एकजुट होकर खड़े हैं और उनके साहस की सराहना करते हैं।' 


सॉल ने लिखा, 'कनाडा की क्यूबेक सिटी में आयोजित पेन इंटरनेशनल की 81वीं कांग्रेस में जुटे 150 देशों के लेखकों ने जाने-माने विद्वान और बुद्धिजीवी एमएम कलबुर्गी की हत्या के बाद उपजे संकट पर गहरी चिंता जताई।'