लीमा. दुनिया कोरोना (Coronavirus) से जूझ रही है ऐसे में पेरू में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर जंग छिड़ गई है. इसके पीछे की जड़ है, अधिकारियों और बड़े नेताओं द्वारा चोरी-छिपे कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाना. इस खुलासे के बाद पेरू की विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्तेते को इस्तीफा देना पड़ा है. चोरी-छिपे हुए टीकाकरण की खबरों की वजह से लोगों में भारी आक्रोश है.


राष्ट्रपति फ्रांसिस्को सगास्ती ने की पुष्टि


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राष्ट्रपति फ्रांसिस्को सगास्ती ने विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्तेते के इस्तीफे की पुष्टि की है और स्थानीय टीवी चैनल 'अमेरिका' को बताया कि पेरू के लोगों को 'इस स्थिति की वजह से गुस्सा और आक्रोशित होना चाहिए क्योंकि इससे कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे पेरू के कई लोगों के प्रयासों को धक्का लगा है.' यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब बीते गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने एक खबर की पुष्टि की कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने चीन की दवा कंपनी सिनोफार्म से अक्टूबर में चुपके से टीके की खुराक ली थी. 


अधिकारियों की भी होगी पहचान


इस मामले के बाद स्वास्थ्य मंत्री पिलर माजेटी ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था क्योंकि सांसदों ने उन पर जानकारियां छिपाने का आरोप लगाया था. सगास्ती ने ट्विटर पर बताया कि विजकारा प्रशासन के दौरान सिनोफार्म से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की अतिरिक्त 2,000 खुराक मिली थीं और ‘कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को टीके लगे थे.’ देश के नए स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार रात बताया कि सगास्ती ने उन सभी अधिकारियों के इस्तीफे के आदेश दिए हैं, जिन्होंने गुप्त तौर पर चीनी टीके लिए हैं. उन्होंने बताया कि चोरी-छिपे सितंबर में टीका लेने वाले अधिकारियों की पहचान के लिए जांच जारी है.


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जनवरी की शुरुआत में हुई थी खरीद


इस्तीफा देने के बाद एलिजाबेथ एस्तेते ने कहा है कि 22 जनवरी को उन्होंने टीके की पहली खुराक ली थी. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी गलती का अहसास है, इसलिए मैंने टीके की दूसरी खुराक नहीं लेने का निर्णय लिया.’ बता दें, पेरू में जनवरी की शुरुआत में टीके की खरीद हुई थी लेकिन उसकी कीमत का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. डॉक्टरों और नर्सों ने यहां विरोध प्रदर्शन किया था क्योंकि सिनोफार्म के टीके के जरिए होने वाले टीकाकरण के लिये पहली सूची में उन्हें शामिल नहीं किया गया था.


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