Copenhagen Metro: इस मेट्रो ट्रेन के अंदर भी ले जा सकते हैं साइकिल, जिंदगी भर नहीं पड़ेगी कार की जरूरत

Carry your cycle inside metro train: डेनमार्क (Denmark) की राजधानी कोपेनहेगेन (Copenhagen) की गिनती दुनिया के सबसे साफ सुथरे और बेहतरीन शहरों में होती है. यहां के लोग रोजमर्रा के काम में ज्यादा से ज्यादा साइकिल (Cycle) चलाते हैं, इसलिए ज्यादा हेल्दी रहते हैं. कोपेनहेगेन की मेट्रो ट्रेन में सफर करने वालों को अपने साथ साइकिल (Copenhagen Metro allows Cycle) ले जाने की इजाजत है. भारत में भी इस तरह के चलन की शुरुआत धीरे-धीरे हो रही है. ऐसे में डेनमार्क की मेट्रो ट्रेन की तस्वीरें देखकर समझते हैं कि इस कैंपेन की शुरुआत कैसे हुई.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Mon, 12 Sep 2022-11:20 am,
1/6

Corona काल में दुनिया के कई देशों के लोगों ने सेहतमंद रहने के लिए साइकिल की सवारी करना शुरू कर दिया है. इससे न सिर्फ पैसे की बचत होती है बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public transport) का सहारा भी नहीं लेना पड़ता. वहीं डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन की बात करें तो कोपेनहेगेन मेट्रो (Copenhagen Metro) में काफी समय से मेट्रो ट्रेन को साथ ले जाने की इजाजत है. मेट्रो के साथ साइकिल को मंजूरी देने के फैसले की वजह खुद डेनमार्क की सरकार और वहां के शहरों के प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं. 

2/6

डेनमार्क के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से एक तो देश में प्रदूषण काफी हद तक कंट्रोल रहता है तो दूसरी ओर लोग फिजिकली फिट रहते हैं. कोपेनहेगेन के स्थानीय लोगों की बात करें तो वो भी इस चलन से काफी खुश हैं और सरकार की राय से पूरी तरह इत्तेफाक रखते हैं. कोरोना काल की बंदिशे खत्म होने के बाद डेनमार्क समेत दुनियाभर के देशों में मेट्रो और लोकल ट्रेन सर्विस के फेरों को बढ़ाया गया है. ऐसे में यहां के लोग अपनी शान की सवारी यानी साइकिल (Cycle) के साथ मेट्रो ट्रेन के अंदर बड़े गर्व के साथ दाखिल होते हैं.

3/6

यहां के लोग बड़े अनुशासन प्रिय हैं. वो ट्रेन में चढ़ने के लिए किसी तरह की हड़बड़ी और जल्दबाजी नहीं करते हैं. लोग ट्रेन के अंदर बड़े सलीके से एक साइकिल स्टैंड की तरह अपनी साइकिल खड़ी करते हैं और अपना स्टेशन आने पर उतर जाते हैं. ऐसा करते समय वो ध्यान रखते हैं कि उनकी वजह से किसी को किसी भी तरह की तकलीफ न हो.

4/6

कोपेनहेगेन मेट्रो के लगभग हर स्टेशन पर साइकिलें आसानी से मिल जाती हैं. यहां रेंट पर साइकिल मिलने का चलन भी है. वहां के मेट्रो स्टेशनों के बाहर भी बहुत से लोग अपनी साइकिल पार्क करके जाते हैं. वहीं ये लोग शाम को लौटते समय अपनी साइकिल निकालकर उसे चलाते हुए घर पहुंचते हैं.

5/6

भारत के कुछ मेट्रो स्टेशनों पर ये चलन धीरे धीरे शुरू हुआ है. इसकी शुरुआत दक्षिण भारत से हुई है. जहां बेंगलुरू मेट्रो और कोच्चि मेट्रो में इस प्रथा की शुरुआत हुई है. बेंगुलुरू में फोल्डेबल साइकिल लेकर आप सफर कर सकते हैं. वहीं कोच्चि मेट्रो (Kochi Metro) ने यात्रियों को ट्रेन में साइकिल ले जाने की इजाजत दे दी है.

 

6/6

कोच्चि मेट्रो की बात करें तो इस फैसले से यात्रियों को मेट्रो में सफर के बाद यहां-वहां जाने में आसानी होगी. इसका मकसद शहर में साइकिलिंग को बढ़ावा देना भी है. हमारी सहयोगी साइट India.com की खबर के मुताबिक इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत में सिर्फ 6 स्‍टेशनों से यात्रियों को साइकिल की एंट्री कराने की मंजूरी दी जाएगी. इनमें छंगमपूजा पार्क, पलारिवट्टम, टाउन हॉल, अर्नाकुलम साउथ, माहराजा कॉलेज और एलमकुलम मेट्रो स्‍टेशन शामिल हैं. इन्‍हीं स्‍टेशनों से साइकिल के साथ यात्रियों की इंट्री और निकलना हो सकेगा.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link