कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों के शरीर में 7 गुना ज्यादा एंटीबॉडी बनाती है फाइजर की वैक्सीन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर माइल्स कैरोल ने ये भी कहा कि लोगों को वैक्सीन की दोनों ही डोज लेनी चाहिए, क्योंकि अभी तक ये साबित नहीं हो सका है कि वैक्सीन का एक डोज ही पर्याप्त है.

1/6

फाइजर वैक्सीन ज्यादा सफल?

लंदन: भारत में कोरोना महामारी तेजी से अपना पैर फिर से पसारने में लगी है. इस पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने भी वैक्सीनेशन तेज कर दी है. इस बीच ऐसी रिसर्च सामने आ रही है, जिसमें फाइजर वैक्सीन को सबसे बेहतर पाया जा रहा है. दरअसल, जिन लोगों को कोरोना  का संक्रमण हो चुका है और उनकी जान बच चुकी हैं, उनके शरीर में फाइजर की वैक्सीन बेहद असरदार साबित हो रही है. 

 

2/6

7 गुना ज्यादा एंटीबॉडी?

फाइजर वैक्सीन सामान्य व्यक्ति जिसे कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है, उसके मुकाबले संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर में 7 गुना ज्यादा एंटीबॉडी बना रही है. खास बात ये है कि सिर्फ एक ही डोज में एंटीबॉडी तीन गुना ज्यादा बढ़ जा रही है. 

3/6

एक डोज ही काफी?

इंग्लैंड के ऑस्कफोर्ड, शेफील्ड, लिवरपूल, न्यूकैसल और बर्मिंघम इलाके में वैक्सीन ले चुके लोगों पर शोध किया गया. इस शोध में पाया गया कि फाइजर की वैक्सीन उन लोगों पर कहीं बेहतर तरीके से काम कर रही है, जो पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. फाइजर वैक्सीन की एक डोज सामान्य व्यक्ति द्वारा लिए गए दो डोज के बराबर काम करती दिख रही है.

4/6

साउथ अफ्रीकी स्ट्रेन पर भी कारगर

डेलीमेल की खबर के मुताबिक, इस रिसर्च टीम में शामिल वैज्ञानिकों ने ये भी पाया है कि फाइजर वैक्सीन कोरोना के अन्य स्ट्रेन के मुकाबले भी बेहतर तरीके से काम कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि फाइजर की वैक्सीन से कोरोना के साउथ अफ्रीकी स्ट्रेन को रोका जा सकता है, जो फिलहाल कोरोना के नए स्ट्रेन में सबसे ज्यादा घातक सिद्ध हो रही है. 

5/6

237 लोगों पर स्टडी

ये रिसर्च इंग्लैंड के 237 हेल्थ वर्कर्स पर की गई, जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं. इस रिसर्च में एंटीबॉडी और टी-सेल्स दोनों ही नापे गए. टी-सेल्स आपके इम्यून सिस्टम में मौजूद वो सब्स्टेंस हैं, जो करोना वायरस का खात्मा करती हैं. इनके बढ़ने का मतलब है कि आपके शरीर में कोरोना वायरस को लेकर मजबूत प्रतिरोधक क्षमता मौजूद है.

6/6

दो डोज जरूरी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर माइल्स कैरोल ने ये भी कहा कि लोगों को वैक्सीन की दोनों ही डोज लेनी चाहिए, क्योंकि अभी तक ये साबित नहीं हो सका है कि वैक्सीन का एक डोज ही पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का दूसरा डोज आपकी सुरक्षा का समय बढ़ाता है, यानी कि ज्यादा समय आपके शरीर में एंटीबॉडी बनाए रखता है.

तस्वीर: रायटर्स

ये भी पढ़ें: रूस में निर्मित Corona Vaccine Sputnik-5 को भारत में मिल सकती है मंजूरी: डॉ रेड्डीज

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link