Stone of Destiny: भाग्य का वो पत्थर, जिस पर होती है ब्रिटेन के राजाओं की ताजपोशी, ऐसा है इतिहास

King Charles Coronation Ceremony: किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक कॉन्सर्ट 6 मई को होगा. इसके लिए दुनिया की कई नामी हस्तियों को न्योते भेजे गए हैं, जिसमें भारतीय एक्ट्रेस सोनम कपूर भी शामिल हैं.74 साल के किंग चार्ल्स अपनी पत्नी कैमिला के साथ छह मई को वेस्टमिंस्टर एबे में आधिकारिक रूप से ब्रिटेन की शाही गद्दी संभालेंगे और इस समारोह में लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

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 किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में एक पत्थर का इस्तेमाल होगा, जिसका नाम है स्टोन ऑफ डेस्टिनी. इसी पत्थर पर कई शताब्दियों से ब्रिटिश राजाओं की ताजपोशी हुई है.

 

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अब किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए स्टोन ऑफ डेस्टिनी को स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग कैसल से लंदन मंगवाया जा रहा है. पुलिस और फौज इस पत्थर की सुरक्षा में लगे हुए हैं.

 

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दरअसल यह कोई मामूली पत्थर नहीं है. सदियों से इसका ब्रिटिश राजघराने से कनेक्शन रहा है. 403 किलोमीटर की यात्रा में इसकी विशेष सुरक्षा की जाएगी.

 

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स्टोन ऑफ डेस्टिनी को 25 साल बाद एडिनबर्ग कैसल लाया जा रहा है. यह स्कॉटलैंड की राजशाही व राष्ट्रवाद का प्रतीक है.

 

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स्टोन ऑफ डेस्टिनी लाल बलुआ पत्थर का एक आयताकार टुकड़ा है.इसकी देखरेख हिस्टोरिक एनवायरनमेंट स्कॉटलैंड करती है.

 

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हालांकि यह पत्थर कहां से आया, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन 9वीं सदी की शुरुआत से ही स्कॉटलैंड के राजाओं के राज्याभिषेक में इसका उपयोग किया जाता है.

 

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साल 1296 में स्कॉटलैंड के शाही परिवार से इस पत्थर को इंग्लैंड के राजा एडवर्ड ने छीन लिया था. 

 

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1399 में हेनरी IV के बाद से स्टोन ऑफ डेस्टिनी का इस्तेमाल ब्रिटिश राजाओं की ताजपोशी में किए जाने की परंपरा शुरू हो गई.

 

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