Magawa Mouse: ऐसा बहादुर चूहा जिसने बचाई हजारों लोगों की जान; हीरो बन जीता गोल्ड मेडल

Gold Medalist Mouse: साल 2022 खत्म होने वाला है और नया साल 2023 आने वाला है. 2022 में कुछ ऐसी चीजें हुईं जिन्हें हम शायद कभी नहीं भूलेंगे. साल 2022 में दुनिया ने एक ऐसे बहादुर चूहे को खो दिया जिसने अपने जीवन में हजारों लोगों की जान बचाई और हीरो बन गया. इस चूहे को सम्मानित करने के लिए उसको गोल्ड मेडल भी दिया गया. बता दें इस बहादुर चूहे का नाम मगावा (Magava) था. यह कंबोडिया के बन निरोधक दस्ते में था. चूहा मगावा सूंघकर पता लगा लेता था कि बारूदी सुरंग कहां है और ऐसा करके उसने अपने जीवन में हजारों लोगों की जिंदगियां बचाईं.

विनय त्रिवेदी Dec 12, 2022, 11:33 AM IST
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बता दें कि मगावा को ट्रेनिंग दी गई थी कि वह बारूदी सुरंग का पता लगा सके. वह बारूद को सूंघकर अपने हैंडलर यानी उसकी देखभाल करने वाले को अलर्ट कर देता था. जानकारी के मुताबिक, बहादुर चूहे मगावा ने अपने करियर में 71 लैंडमाइन्स का पता लगाया और इसके अलावा 38 जिंदा बमों की जानकारी अपने हैंडलर को दी. मगावा का करियर 5 साल का था और उसने इस दौरान बहुत सारे लोगों के जीवन को बचाया.

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जान लें कि बम स्निफिंग टीम के सदस्य रहे चूहे मगावा को उसकी बहादुरी वाले के काम के लिए ब्रिटिश चैरिटी की तरफ से गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. ब्रिटिश चैरिटी का ये इनाम पहले खासतौर पर Dogs के लिए आरक्षित था, लेकिन यह चूहे मगावा को भी दिया गया. मगावा को जब कंबोडिया लाया गया था तब उसकी उम्र 2 साल थी.

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गौरतलब है कि बेल्जियम के एनजीओ APOPO की तरफ से चूहे मगावा को ट्रेनिंग दी गई थी. मगावा को बमों और बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए ट्रेन किया गया था. बताया जाता है कि चूहे मगावा ने अपने 5 साल के बम स्निफिंग करियर में 1.4 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन की पड़ताल की.

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आपको बता दें कि जनरवी, 2022 में मगावा ने 8 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. कंबोडिया में लोगों ने बहादुर मगावा की मौत पर दुख जताया था.

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मगावा की मौत के बाद APOPO संस्था ने कहा कि उन्होंने अपना साहसी साथी खो दिया. उसने अपनी पूरी जिंदगी लोगों का जीवन बचाने में लगा दिया.

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