Sperm donor: मिलिए असल जिंदगी के `विकी डोनर` से, 15 बच्चों को जन्म देकर अब ऐसी मुश्किल में फंसा
Sperm donor: साल 2012 में आई आयुष्मान खुराना की फिल्म विकी डोनर से आम लोगों को स्पर्म डोनेशन के बारे में ज्यादा जानकारी मिली थी. इस बॉलीवुड मूवी ने एंटरटेनमेंट के साथ समाज को एक मैसेज देने का भी काम किया था. आज हम आपको ऐसे ही एक `विकी डोनर` की कहानी बताएंगे जो 15 बच्चों को पिता बन चुका है. स्पर्म डोनेशन का काम उसने अपने घरवालों से छिपकर किया और इसके पीछे की वजह भी बेहद खास रही. लेकिन अब वह ऐसी मुसीबत में फंस चुका है जिसके बारे में उसने सोचा तक नहीं था.
'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक 37 साल के जेम्स मैक अब तक स्पर्म डोनेट करके 15 बच्चों के पिता बन चुके हैं. वह समलैंगिक महिलाओं को स्पर्म देते रहे और इस दौरान उन्होंने यह बात अपने घरवालों तक से छिपाकर रखी. खात बात यह है कि वह एक खास तरह की जेनेटिक बीमारी से पीड़ित हैं जिसे Fragile X syndrome (FXS) कहा जाता है.
इस बीमारी में आईक्यू लेवल कम रहता है साथ ही मस्तिष्क का विकास भी धीमी गति से होता है. दुखद बात यह है कि इस अनोखी बीमारी का कोई इलाज तक नहीं है. मैक की पहचान का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने कोर्ट में उन 4 बच्चों के साथ वक्त बिताने की अपील की जिनके वह बायोलॉजिकल पिता हैं और उनकी उम्र 3 साल से कम है.
डर्बी में जज जस्टिस लिवेन ने मैक को ऐसा करने की इजाजत नहीं दी. साथ ही आदेश दिया कि बाकी महिलाओं को भी उनका नाम स्पर्म डोनर के तौर पर नहीं देना चाहिए. इसके बाद भी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने स्पर्म डोनेशन का प्रचार किया क्योंकि उनका मानना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि वह इन महिलाओं की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. इसके उलट मैं इन महिलाओं की मदद कर एक अच्छा काम कर रहा हूं. मैंने इन लोगों को बच्चे दिए फिर भी यह मेरे एहसानमंद नहीं हैं और मुझ पर बेइमान होने के आरोप लगाए जाते हैं. लेकिन एक न एक दिन पूरी सच्चाई सामने आएगी. फिलहाल मैं काफी नाराज और दुखी हूं.
मैक की मां ने बताया कि वह सिर्फ उन बच्चों की लाइफ का हिस्सा बनना चाहता है जिसे उसने पैदा किया है. लेकिन अदालत ने उसकी अपील ठुकरा दी है और अब वह इन सब से लड़ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि वह बहुत ही भोला है और उसका दिल शीशे की तरह साफ है. वह उन समलैंगिक महिलाओं की मदद कर रहा है जो मां बनने का सपना देखती हैं लेकिन अकेले इसे पूरा नहीं कर पातीं. जहां तक मेरी जानकारी है कि वह इस सर्विस के लिए कोई फीस तक नहीं लेता है.
स्पर्म डोनेशन से पहले मैक ने एक एग्रीमेंट साइन किया था जिसके तहत वह किसी बच्चे से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेगा. लेकिन बाद में उसने कुछ बच्चों के साथ वक्त गुजारने की मांग को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई थी. इसके बाद इन तीन बच्चों की मां ने इस अपील का विरोध किया और कोर्ट ने भी उनकी प्राइवेसी का हवाला देकर मैक की मांग खारिज कर दी.